नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) खाद्य सचिव सुंधाशु पांडेय ने बुधवार को कहा कि खाद्य मंत्रालय ने तेल-रहित चावल भूसी के चारे में उपयोग को हतोत्साहित करने के लिये इसपर पांच प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का सुझाव दिया है।
पांडेय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने तेल रहित चावल भूसी पर पांच प्रतिशत जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगाने के लिये वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।’’
फिलहाल चावल भूसी (तेल निकालने से पहले) और कच्चे चावल वाले भूसी तेल पर करीब पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है।
पांडेय ने कहा कि तेल रहित चावल भूसी पर जीएसटी लगने से चारा बनाने वाली कंपनियों को सीधी बिक्री हतोत्साहित होगी और उत्पाद तेल निकालने के लिये उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि इस बारे में निर्णय जीएसटी परिषद में किया जाएगा।
खाद्य तेल आयात पर बढ़ती निर्भरता के बीच देश को चावल भूसी तेल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है।
खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों के बारे में सचिव ने कहा कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाने को लेकर ‘ऑयल पॉम मिशन’ शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम खाद्य तेल की समस्या का समाधान रातों-रात नहीं कर सकते। इसका कारण कुछ क्षेत्रों से आपूर्ति प्रभावित हुई है।’’
पांडेय ने कहा कि इंडोनेशिया के हाल में पाम तेल के निर्यात पर पाबंदी से पूरा बाजार प्रभावित हुआ है। लेकिन भारत की आपूर्ति पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में 40 से 50 दिनों का भंडार है।
भाषा
रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.