नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (केबीएल) ने एक व्यक्तिगत कानूनी लड़ाई में परामर्श शुल्क के तौर पर 274 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने के आरोपों का रविवार को खंडन किया। यह कानूनी विवाद कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय किर्लोस्कर और उनके भाइयों राहुल एवं अतुल के बीच था।
किर्लोस्कर नूमेटिक कंपनी लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल किर्लोस्कर और किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष अतुल किर्लोस्कर ने शनिवार को आरोप लगाया था कि केबीएल ने ”सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी के शेयरधारक संसाधनों और नियामक तंत्र का दुरुपयोग किया।”
राहुल और अतुल ने कहा था कि 2016 में कानूनी विवाद शुरू होने के बाद केबीएल ने पेशेवर और कानूनी खर्चों के भुगतान के लिए लगभग 272 करोड़ रुपये चुकाए तथा एक सूचीबद्ध इकाई होने के नाते कंपनी को इस खर्च को तर्कसंगत ठहराना चाहिए।
किर्लोस्कर समूह की संपत्ति के बंटवारे के लिए पारिवारिक समझौते पर भाइयों के बीच झगड़ा हुआ था।
केबीएल ने एक बयान में कहा, ”हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि पिछले सात वर्षों में कानूनी खर्च लगभग 70 करोड़ रुपये रहा है।” यह खर्च कर मामलों, श्रम मामलों, परियोजना व्यवसाय से संबंधित मध्यस्थता, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं से संबंधित मामलों, पेटेंट, संपत्ति दस्तावेजों और विदेशी व्यापार से संबंधित है।
कंपनी ने कहा, ”किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआईएल) सबसे बड़ा शेयरधारक है और उसने पिछले कई वर्षों में केबीएल को पेशेवर और कानूनी खर्चों के भुगतान के लिए कोई पत्र नहीं लिखा है।”
भाषा पाण्डेय प्रेम
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