मुंबई, 21 जून (भाषा) बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट्स) को दिवाला कार्यवाही से छूट मिली है, जबकि इन्हें दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के दायरे में लाना चाहिए।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं को यह भरोसा चाहिए कि वे कर्ज न चुकाने की स्थिति में इनविट्स से अपना बकाया वसूल कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वे इस मामले में रिजर्व बैंक और सरकार के संपर्क में हैं।
तिवारी ने यहां उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ”हमें इन ट्रस्टों को, जो दिवाला प्रक्रिया से दूर हैं, आईबीसी के दायरे में लाने की जरूरत है, क्योंकि इससे हमें यह भरोसा मिलेगा कि यह किसी अन्य परिसंपत्ति की तरह ही है।”
उन्होंने बताया कि इस समय इनविट्स या इसके तहत आने वाली विशेष उद्देश्यीय कंपनियों की प्राथमिक जिम्मेदारी ट्रस्ट धारकों के प्रति है और इसमें खामियां हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है।
तिवारी ने कहा कि इस क्षेत्र में स्पष्टता की जरूरत है। इस क्षेत्र को ऋणदाताओं को यह भरोसा देना होगा कि यदि कर्ज अदायगी में चूक होती है, तो कानूनी प्रक्रिया किसी भी अन्य ऋण के समान ही होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एसबीआई इनविट्स क्षेत्र को लेकर बहुत आशावादी है, क्योंकि यह किसी परियोजना के पूरा होने के बाद बैंक के लिए दीर्घकालिक जोखिम को खत्म करता है और निवेशकों को स्थिर प्रवाह के रूप में नकदी देता है।
भाषा पाण्डेय रमण
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