मुंबई, चार मई (भाषा) बैंकर उदय कोटक ने बुधवार को कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा अचानक रेपो दर में वृद्धि के कदम से पता चलता है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति के अनुमानों को बहुत गंभीरता से ले रहा है।
उन्होंने चालू वित्त वर्ष में रेपो दर में एक प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद जताई।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर (रेपो) को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत करने का भी फैसला किया है। इससे बैंकों के पास 87,000 करोड़ रुपये की नकदी घटेगी।
कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कोटक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एकदम साफ था कि मुद्रास्फीति बहुत तेजी से बढ़ रही थी। और इसलिए, स्पष्ट रूप से कदम उठाने की जरूरत थी। मैंने इसे (रेपो दर में वृद्धि) आरबीआई द्वारा एक मजबूत संदेश के रूप में देखा कि वे मुद्रास्फीति और मुद्रास्फीति के अनुमानों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि महंगाई के इतना अधिक बढ़ने का जोखिम नहीं लिया जा सकता, जहां इस पर काबू पाना कठिन हो जाए।
कोटक ने कहा कि रेपो दरों में बढ़ोतरी का असर जमा दरों पर पड़ने के साथ ही एमसीएलआर आधारित ऋण भी क्रमिक रूप से महंगा होगा।
उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ के बारे में कहा कि निर्गम को पहले दिन मिली खुदरा निवेशकों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सुखद है।
भाषा पाण्डेय अजय
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