नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस तथ्य का संज्ञान लिया कि दीवानी अदालतों की आर्थिक अधिकार सीमा तीन लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जा चुकी है और इस संबंध में पहले ही एक प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
उच्च न्यायालय विभिन्न जिला अदालतों में नियुक्त दीवानी न्यायाधीशों को तार्किक आवंटन और उनकी आर्थिक अधिकार सीमा को बढ़ाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ को उच्च न्यायालय के प्रशासनिक विभाग की ओर से पेश वकील ने सूचित किया कि नौ फरवरी, 2022 को अदालत की पूर्ण पीठ ने दीवानी अदालतों की आर्थिक अधिकार सीमा को बढ़ाने का फैसला कर लिया है।
पीठ को बताया गया कि इस संबंध में उच्च न्यायालय ने सात मार्च को संबंधित मंत्रालय को सूचित कर दिया था।
पीठ ने संज्ञान लिया कि उक्त फैसला वकील अमित साहनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया है और दोबारा इसी संबंध में याचिका दायर करने वाले साहनी को पूर्ण पीठ के प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी।
उच्च न्यायालय ने मौजूदा याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि दीवानी अदालतों की आर्थिक अधिकार सीमा समय-समय पर बढ़ाकर 25 हजार से एक लाख और फिर 2003 में तीन लाख रुपये कर दी गई , लेकिन उसके बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भाषा अर्पणा अनूप
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