नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के बाहर विरोध प्रदर्शन के मामले में डेरेक ओ’ब्रायन, सागरिका घोष और साकेत गोखले समेत टीएमसी के 10 नेताओं को बृहस्पतिवार को बरी कर कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने आरोप मुक्ति का आदेश पारित किया।
विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है।
इससे पहले 13 मई को अदालत ने आरोपियों को जमानत दे दी थी। अदालत ने 30 अप्रैल को विवेक गुप्ता को छोड़कर बाकी आरोपियों को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी।
अदालत ने आरोप पत्र पर गौर करते हुए 21 अप्रैल को आरोपियों को तलब किया था।
टीएमसी नेताओं ने पिछले साल अप्रैल में केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी।
दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि मामले में आरोपी टीएमसी नेता पिछले साल आठ अप्रैल को आयोग के मुख्य द्वार के बाहर एकत्र हुए और बिना किसी अनुमति के तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू होने के बावजूद विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि निषेधाज्ञा के बारे में सूचित किए जाने के बावजूद उन्होंने विरोध प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
भाषा जोहेब नरेश
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