नई दिल्ली: भारत में चल रही कोविड-19 महामारी और बाढ़ को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस साल 7 सितंबर तक आठ निर्वाचन क्षेत्रों के उप-चुनाव टाल दिए हैं. और कहा है जैसे ही स्थिति अनुकूल होगी चुनाव कराए जाएंगे
इन आठ निर्वाचन क्षेत्रों में – बिहार (1 वाल्मीकि नगर पीसी), असम (108, सिबसागर एसी), तमिलनाडु (10-तिरुवोट्टियूर, एसी और 46, गुडियट्टम (एससी) एसी), मध्य प्रदेश (166, आगर, (एससी)) एसी), उत्तर प्रदेश (65, बुलंदशहर एसी और 95, टूंडला एसी) और केरल (117, चावरा एसी) शामिल हैं.
प्रावधान के अनुसार, जिन निर्वाचन क्षेत्रों में किसी वजह से यह सीट खाली हुईं हैं उन्हें चुनाव करा कर छह महीने के भीतर उप चुनाव करा कर भरा जाना चाहिए. वह सीट चाहें एक साल के लिए भरी जानी हो या फिर अधिक समय के लिए.
चुनाव आयोग के सूत्र ने कहा,’ देश के कई हिस्सों में कोविड-19 से हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं और ऐसी स्थिति में चुनाव कराना नागरिक के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.
यही नहीं इसके अलाा कुछ राज्यों और जिलों में भारी बारिश हो रही है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी हुई है. सूत्र ने आगे कहा,’ इस दौरान जिला प्रशासन और राज्य सरकारें बाढ़ नियंत्रण और शमन के कार्यों में जुटी हुई हैं. ऐसी दो-दो बाधाओं के बीच चुनाव कराना उनके काम को भी प्रभावित करेगी और चुनावी गतिविधियों को प्रभावित करेंगी. ‘
बता दें कि आसाम और बिहार में बाढ़ और भारी बारिश से स्थिति गंभीर बनी हुई है. एक तरफ जहां असम में 70 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं वहीं बिहार के भी कई जिलों में पानी भर गया है और लाखों लोग प्रभावित है. मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर सहित कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के अलावा बिहार में कोविड-19 भी बुरी तरह फैल रहा है. अभी तक 30 हजार लोग कोविड से संक्रमित हो चुके हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव टालने की भी है विपक्षी पार्टियों की मांग
बता दें कि इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी बिहार की विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि कोविड महामारी को देखते हुए चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ा देना चाहिए.
सभी राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय दलों को एक पत्र में चुनाव आयोग ने देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति का हवाला दिया और इसे रोकने के लिए सुरक्षा उपायों के तौर पर आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत कई निर्देशों का हवाला दिया .
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से राय लेने का फैसला किया है .
सभी दलों से 31 जुलाई तक अपनी राय और सुझाव देने को कहा गया ताकि महामारी के दौरान चुनाव करवाने के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा चलाए जाने वाले प्रचार अभियान को लेकर आवश्यक निर्देश तैयार किए जा सकें .
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है और नयी विधानसभा का गठन उससे पहले किया जाना है.