तिरुवनंतपुरम, 30 सितंबर (भाषा) केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा प्रभावी और समय से किए गए हस्तक्षेप की वजह से निपाह महामारी के चौथे दौर में मृत्युदर घटकर 33 प्रतिशत रह गई है।
मंत्री ने निपाह से संक्रमित सभी चार लोगों के जूनोटिक बीमारी (जानवरों से इनसानों में फैलने वाली बीमारी) से उबरने के मद्देनजर यह बयान दिया।
सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोझिकोड में नौ साल का बच्चा निपाह संक्रमण से उबर गया है।
जॉर्ज ने शुक्रवार रात को फेसबुक पोस्ट में कहा कि केरल में वायरस संक्रमण बांग्लादेश के उप स्वरूप से फैला और इसमें आम तौर पर मृत्युदर अधिक होती है।
मंत्री ने कहा कि वायरस के इस स्वरूप से संक्रमित लोगों में आमतौर पर मृत्युदर 70 से 90 प्रतिशत तक होती है। ‘‘हालांकि, कोझिकोड में कुल छह लोग संक्रमित हुए जिनमें से दो की मौत हुई, इसका अभिप्राय है कि अपेक्षाकृत मृत्यु दर कहीं कम 33 प्रतिशत रही।’’
उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत मरीजों में संक्रमण का जल्द पता लगाने और वायरस रोधी दवाओं का इस्तेमाल कर प्रभावी इलाज संभवत: निम्न मृत्युदर का कारण है।
जॉर्ज ने कहा कि इस बार वायरस से महामारी की एक खासियत रही कि पहले मरीज से संक्रमण किसी और को नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रभावी हस्तक्षेप ने 11 सितंबर के बाद एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ।
भाषा धीरज रंजन
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