(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली का पर्यावरण विभाग मंत्रिमंडल की अगली बैठक में कृत्रिम बारिश का परीक्षण कराने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर सकता है और प्रत्येक परीक्षक पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो सरकार द्वारा सीधे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर को धनराशि हस्तांतरित किए जाने की उम्मीद है, जो इस पहल का नेतृत्व करेगा।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘योजना से लेकर क्रियान्वयन तक का पूरा काम आईआईटी कानपुर करेगा, जिसमें विमान, रसायन और अन्य साजो-सामान संबंधी जरूरतें शामिल हैं। सरकार केवल परीक्षणों के लिए धन मुहैया कराएगी।’’
उन्होंने कहा कि प्रायोगिक पद्धति पर आगे बढ़ने का निर्णय आईआईटी कानपुर द्वारा किए गए व्यापक अध्ययन और तैयारियों के बाद लिया गया है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘वे पहले ही तकनीकी पहलुओं पर काम कर चुके हैं। यदि प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जाती है, तो रक्षा, गृह, उड्डयन, वन और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण सहित उन 13 विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा जाएगा, जिनकी अनुमति परीक्षण के लिए आवश्यक है।’’
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इससे पहले, ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में पुष्टि की कि प्रस्ताव अपने अंतिम चरण में है और इसे मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार मंजूरी मिलने के बाद, इसे अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ साझा किया जाएगा। हमारा लक्ष्य दिल्ली के बाहरी इलाकों में गर्मियों के चरम के दौरान पहला परीक्षण करना है।’’
भाषा धीरज प्रशांत
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