नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘दिल्ली विद्युत चालित वाहन नीति’ शुरू की जिसके तहत उनकी सरकार शहर में पंजीकरण शुल्क और पथकर में माफ करेगी तथा नयी विद्युत चालित कारों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देगी.
मीडिया को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अधिसूचित नीति का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को मजबूती देना, नौकरियां पैदा करना और प्रदूषण कम करना है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि पांच साल बाद दुनिया में जब बिजली से चलने वाली गाड़ियों पर बात होगी तो दिल्ली का नाम लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने इसे देश की ‘प्रगतिशील नीति’ बताया और कहा कि इसका उद्देश्य 2024 तक शहर में बिजली से चलने वाली कारों की संख्या 25 प्रतिशत करना है जो इस समय महज 0.29 फीसद है.
उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत दिल्ली सरकार बिजली से चलने वाले दुपहिया वाहनों, ऑटो और ई-रिक्शा के लिए 30,000 रुपये तक जबकि कारों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देगी.
केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार बिजली चालित व्यावसायिक वाहनों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराएगी.
उन्होंने कहा, ‘हमें इस नीति के लागू होने के बाद अगले पांच वर्ष में पांच लाख नए बिजली चालित वाहनों के सड़क पर उतरने की उम्मीद है. दिल्ली सरकार इस नीति को लागू करने के लिए ‘ईवी प्रकोष्ठ’ गठित करेगी.’
उन्होंने कहा कि सरकार ‘राज्य विद्युत चालित वाहन बोर्ड’ का भी गठन करेगी.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार विद्युत चालित वाहन नीति के तहत ‘स्क्रैपिंग इंसेंटिव’ देगी जो देश में अपनी तरह का पहला प्रयास होगा और इसके तहत लोग पेट्रोल या डीजल से चलने वाली अपनी पुरानी कारों को बेचकर बिजली से चलने वाली नयी कार खरीद सकते हैं.
उन्होंने कहा कि शुरू में यह नीति तीन साल के लिए होगी और उसके बाद सरकार इसकी समीक्षा करेगी. जरूरत पड़ने पर तीन साल में संशोधन किये जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय बिजली से चलने वाले वाहनों के लिए ‘फेम इंडिया फेज-2’ नाम की केंद्र की योजना पहले से है जिसके तहत केंद्र सरकार भी कुछ प्रोत्साहन प्रदान करती है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की नीति इसके अतिरिक्त होगी और लोग दोनों योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 25 प्रतिशत कमी आई है और नयी नीति का उद्देश्य प्रदूषण को और कम करना है.
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