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नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि तीन नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन से जमीनी स्तर पर पुलिस की कार्यकुशलता और जवाबदेही बढ़ेगी।
दिल्ली में तीन नये कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने यह भी कहा कि ई-समन सीधे अदालतों से जारी किए जाने चाहिए और उनकी प्रतियां स्थानीय थानों को भेजी जानी चाहिए।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने अभियोजन निदेशालय में नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया कि किसी भी मामले में अपील के संबंध में निर्णय निदेशालय द्वारा ही लिया जाए।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लाये गये तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन से जमीनी स्तर पर पुलिस की कार्यकुशलता और जवाबदेही बढ़ेगी।
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमश: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। तीनों नये कानून पिछले साल एक जुलाई को प्रभाव में आ गये।
बैठक में पुलिस, जेल, अदालत, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नये प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।
गृह मंत्री ने नए कानूनों के कार्यान्वयन में अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 60 और 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जानी चाहिए तथा समयसीमा का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिया कि जघन्य अपराधों के मामलों में सजा की दर को कम से कम 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।
बैठक में उपराज्यपाल वी के सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा एवं अन्य लोग शामिल हुए।
भाषा राजकुमार अविनाश
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