कोच्चि: केरल में सत्तारूढ़ माकपा की युवा इकाई डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र मौजूदा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले की यह कहकर निंदा की कि यह निजी आजादी में कटौती करने की कोशिश है.
उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुरुषों और महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु में एकरूपता लाने के लिए संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी और संसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही इसको कानूनी जामा पहनाने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 में संशोधन के लिए विधेयक लाए जाने की उम्मीद है.
डीवाईएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एए रहीम ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा कि सरकार ने लोगों के विवाह के विकल्प के प्रति अस्वस्थ जुनून दिखाया है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘डीवाईएफआई लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु में बढ़ोतरी करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से असहमत है. केंद्र सरकार के पुराने इतिहास, क्रियाकलाप और मामला बनाने को देखते हुए उसके फैसले पर संदेह करने के पर्याप्त कारण हैं.’
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