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Friday, 31 May, 2024
होमदेशप्रतिनिधि सभा में दत्तात्रेय होसबले चुने गए RSS के नए सरकार्यवाह, भैय्याजी जोशी की लेंगे जगह

प्रतिनिधि सभा में दत्तात्रेय होसबले चुने गए RSS के नए सरकार्यवाह, भैय्याजी जोशी की लेंगे जगह

सन् 1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष आपने ‘मीसा’ के अंतर्गत जेलयात्रा भी की. जेल में इन्होंने दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया.

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नई दिल्ली. दत्तात्रेय होसबले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह (महासचिव) के पद पर चुना गया है. यह पद काफी महत्त्वपूर्ण है और प्रमुख के बाद दूसरे नंबर का पद माना जाता है. पिछले 12 सालों से सुरेश भैया जी जोशी इस पद पर कार्यरत थे. हर तीन साल के बाद इस पद पर चुनाव होता है. संघ को चलाने की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की ही होती है. दत्तात्रेय होसबले और प्रसिद्ध विचारक हैं.

इनका जन्म दिनांक 01 दिसम्बर, 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक़ में हुआ. इन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा ग्रहण की है.

दत्तात्रेय होसबले 1968 में 13 वर्ष की अवस्था में संघ के स्वयंसेवक बने और 1972 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े. अगले 15 वर्षों तक ये परिषद के संगठन महामंत्री रहे. ये सन् 1975-77 के जेपी आन्दोलन में भी सक्रिय थे और लगभग पौने दो वर्ष आपने ‘मीसा’ के अंतर्गत जेलयात्रा भी की. जेल में इन्होंने दो हस्तलिखित पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया. सन् 1978 में नागपुर नगर सम्पर्क प्रमुख के रूप में विद्यार्थी परिषद् में पूर्णकालिक कार्यकर्ता हुए. विद्यार्थी परिषद् में आपने अनेक दायित्वों का निर्वहन करते हुए परिषद के राष्ट्रीय संगठन-मंत्री के पद को सुशोभित किया. गुवाहाटी में युवा विकास केन्द्र के संचालन में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही. अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में विद्यार्थी परिषद् के कार्य-विस्तार का सम्पूर्ण श्रेय भी इनको है.

दत्तात्रेय होसबले ने नेपाल, रूस, इंग्लैण्ड, फ्रांस और अमेरिका की यात्राएं की हैं. सम्पूर्ण भारतवर्ष की असंख्य बार प्रदक्षिणा की है. अभी कुछ दिनों पूर्व नेपाल में आए भीषण भूकम्प के बाद संघ द्वारा भेजी गयी राहत-सामग्री और राहतदल के प्रमुख के नाते आप नेपाल गए थे और वहां कई दिनों तक सेवा-कार्य किया था. वर्ष 2004 में ये संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बनाए गये. तत्पश्चात् 2008 से सह-सरकार्यवाह के पद पर कार्यरत हैं.

दत्तात्रेय होसबले मातृभाषा कन्नड़ के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, हिंदी, संस्कृत, तमिल, मराठी, आदि अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ विद्वान हैं. आप लोकप्रिय कन्नड़-मासिक ‘असीमा’ के संस्थापक-संपादक हैं.


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