scorecardresearch
Thursday, 10 October, 2024
होमराजनीति‘PMO के पद की गरिमा कमज़ोर करने वाले पहले पीएम, दिए नफरत भरे भाषण’ — मनमोहन सिंह का मोदी पर तंज

‘PMO के पद की गरिमा कमज़ोर करने वाले पहले पीएम, दिए नफरत भरे भाषण’ — मनमोहन सिंह का मोदी पर तंज

पंजाब के मतदाताओं को संबोधित पत्र में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने पिछले 10 साल में ‘पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने’ में कोई कसर नहीं छोड़ी.

Text Size:

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को लिखे एक पत्र में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी “नफरती भाषणों के सबसे बुरे रूप में लिप्त” हैं. उन्होंने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने “सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कमज़ोर किया है” और इस तरह प्रधानमंत्री कार्यालय की गंभीरता को भी कम किया है.

पंजाब के लोगों को लिखे पत्र में सिंह ने कहा, “अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इस तरह के नफरत भरे, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है.”

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में राज्य की सभी 13 सीटों पर मतदान होने हैं और इससे ठीक दो दिन पहले सिंह ने यह बातें कही हैं.

पत्र में उन्होंने मोदी के चुनावी रैलियों में किए गए दावों का भी ज़िक्र किया कि सिंह ने एक बार कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है. सिंह ने पत्र में कहा, “उन्होंने (मोदी) मेरे नाम से कुछ गलत बयान भी दिए हैं. मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया. यह पूरी तरह से भाजपा का कॉपीराइट है.”

इस लोकसभा चुनाव सत्र में इस तरह के पहले पत्र में 92-वर्षीय सिंह ने आगे कहा कि मतदान के “आसन्न” अंतिम चरण में, “हमारे पास यह सुनिश्चित करने का एक अंतिम मौका है कि लोकतंत्र और हमारा संविधान भारत में तानाशाही फैलाने की कोशिश कर रहे निरंकुश शासन के बार-बार के हमलों से सुरक्षित रहे.”

पंजाब के मतदाताओं से अपनी अपील में देश के एकमात्र सिख प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 साल में “पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने” में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

सिंह ने पत्र में 2020-2021 के किसानों के विरोध प्रदर्शनों पर सरकार की सख्ती का ज़िक्र करते हुए कहा, “पंजाब के 750 किसान, जो कि ज्यादातर दिल्ली की सीमाओं पर महीनों से लगातार इंतज़ार कर रहे थे, शहीद हो गए. जैसे कि लाठियां और रबर की गोलियां ही काफी नहीं थीं, प्रधानमंत्री ने संसद के पटल पर किसानों को “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” कहकर मौखिक रूप से हमला किया. उनकी एकमात्र मांग उनसे परामर्श किए बिना उन पर थोपे गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेना था.”

सिर्फ कृषि कानून ही नहीं, सिंह ने अग्निपथ योजना को लेकर भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह “राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है”.

सिंह ने अपने पत्र में कहा, “भाजपा सरकार ने हमारे सशस्त्र बलों पर गलत तरीके से बनाई गई अग्निवीर योजना थोपी है. भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, बहादुरी और सेवा का मूल्य केवल 4 साल है. यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है.” उन्होंने कहा कि निवर्तमान प्रशासन ने नियमित भर्ती के लिए प्रशिक्षित लोगों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया है.

उन्होंने कहा, “पंजाब का युवा, किसान का बेटा जो सशस्त्र बलों के माध्यम से मातृभूमि की सेवा करने का सपना देखता है, अब केवल 4 साल के कार्यकाल के लिए भर्ती होने के बारे में दो बार सोच रहा है. अग्निवीर योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है.” उन्होंने इस योजना को खत्म करने के कांग्रेस पार्टी के वादे पर जोर दिया.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने भारत की अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर यूपीए और एनडीए सरकारों के प्रदर्शन की भी तुलना की. यूपीए की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था ने अकल्पनीय उथल-पुथल देखी है. नोटबंदी की आपदा, दोषपूर्ण जीएसटी और कोविड महामारी के दौरान दर्दनाक कुप्रबंधन के कारण दयनीय स्थिति पैदा हो गई है, जहां 6-7 प्रतिशत से कम जीडीपी वृद्धि की उम्मीद करना न्यू नॉर्मल हो गया है.”

उन्होंने कहा कि एनडीए के कार्यकाल में औसत जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत से भी कम हो गई है, जबकि यूपीए के कार्यकाल में यह लगभग आठ प्रतिशत थी. उन्होंने कहा, “अभूतपूर्व बेरोज़गारी और बेलगाम मुद्रास्फीति ने असमानता को बहुत बढ़ा दिया है, जो कि अब 100 साल के उच्चतम स्तर पर है.”

सिंह ने अपने पत्र का अंत “हाथ जोड़कर” अपील के साथ किया: “मैं आप सभी से भारत में प्रेम, शांति, भाईचारा और सद्भाव को मौका देने की अपील करता हूं. मैं पंजाब के प्रत्येक मतदाता से विकास और समावेशी प्रगति के लिए वोट करने की अपील करता हूं.”

उन्होंने कहा, “मैं सभी युवाओं से सावधानी बरतने और उज्जवल भविष्य के लिए वोट करने की अपील करता हूं. केवल कांग्रेस ही विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जाएगी.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


यह भी पढ़ें: PM मोदी की कन्याकुमारी यात्रा ध्यान से बढ़कर कुछ और, इसमें छिपा राजनीतिक संदेश भी


 

share & View comments