नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक याचिका सौंप कर उनसे विश्वविद्यालय में काम कर रहे 4,500 तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के समायोजन के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
डूटा के अध्यक्ष ए. के. भागी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 10,000 से अधिक शिक्षकों ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
डूटा ने दो फरवरी को राष्ट्रपति को संबोधित ऑनलाइन याचिका शुरू की थी। राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के ‘विजिटर’ भी हैं। डूटा ने शिक्षकों से बड़े पैमाने पर याचिका पर हस्ताक्षर करने की अपील की थी।
डूटा ने याचिका के जरिए कहा कि उसकी मांग है कि केंद्र इस विषय का संज्ञान ले और इस समस्या का समाधान करे। शिक्षक संगठन ने मांग की कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और शिक्षा मंत्रालय को एक बार विशेष अध्यादेश या विधेयक लाकर इन शिक्षकों को समायोजित करने के लिए तौर-तरीका तैयार करना चाहिए।
भागी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डूटा ने राष्ट्रपति को सभी हस्ताक्षरों के साथ इस याचिका की एक प्रति सौंपी। डूटा ने प्रधानमंत्री कार्यालय, शिक्षा मंत्री, यूजीसी के अध्यक्ष और दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को भी एक प्रति सौंपी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन की ओर से इच्छाशक्ति की कमी तथा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण कुशल और प्रतिभाशाली शिक्षक वर्षों से तदर्थ या अस्थायी आधार पर काम करने के लिए मजबूर हैं।
भाषा अविनाश नरेश
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