नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय के तृतीय वर्ष के छात्र पहली बार डूसू चुनावों में उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकेंगे।
यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद हुआ है। ऐसे में अब तृतीय वर्ष के छात्रों को अंतिम वर्ष का छात्र नहीं माना जाएगा। तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत अंतिम वर्ष के छात्र चुनाव नहीं लड़ सकते थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के संविधान की धारा 11 (2) में यह प्रावधान है कि अंतिम परीक्षा न देने वाले छात्र ही उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
इसके आधार पर डूसू चुनाव समिति ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए यह भी कहा कि कोई भी छात्र अध्यक्ष और सचिव पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।
मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो. राज किशोर शर्मा ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा, ‘छात्र संघ चुनाव की पारदर्शिता और नियमों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सभी इच्छुक उम्मीदवार समय सीमा के अंदर नामांकन प्रक्रिया पूरी कर लें।’
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर है। 18 सितंबर को मतदान होना है।
भाषा जोहेब माधव
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