नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में औचक निरीक्षण के दौरान जी.बी. पंत अस्पताल के सामने एक सार्वजनिक शौचालय में खुले में रखा लगभग 50 लीटर तेजाब जब्त किया गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मालीवाल ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों को भी समन जारी किया और उन्हें 11 अप्रैल को आयोग के समक्ष मामले के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट के साथ उपस्थित होने के लिए कहा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों के लिए सार्वजनिक शौचालयों से संबंधित मुद्दों की शिकायतों के बाद बृहस्पतिवार रात निरीक्षण किया गया।
मालीवाल ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह सार्वजनिक शौचालय में तेजाब पाये जाने पर कर्मचारियों और प्रबंधन को डांटती नजर आ रही हैं।
मालीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, “कल रात दरियागंज में सार्वजनिक शौचालय निरीक्षण में जो पाया उसे देख आप भी स्तब्ध रह जाएंगे। मध्य दिल्ली के शौचालय में खुले में 50 लीटर तेजाब पड़ा मिला। सोचो कितनी जिंदगियां बर्बाद हो सकती थी। पुलिस को बुला कर तेजाब जब्त करवाया। हम दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से इसका जवाब लेंगे और दोषियों पर कार्रवाई होगी।”
शौचालय की देखरेख करने वाले कर्मचारी (केयरटेकर) ने बताया कि तेजाब का इस्तेमाल शौचालयों की सफाई के लिए किया जा रहा था और उसके वरिष्ठ सहयोगियों द्वारा हर दो महीने में इसकी भरपाई की जाती है।
डीसीडब्ल्यू की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “आयोग ने सार्वजनिक शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब के इस्तेमाल के कारणों के साथ-साथ सार्वजनिक शौचालयों में तेजाब के इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में पूछा है।”
इसमें कहा गया है, “इसने एमसीडी की जवाबदेही तय की है और उनसे सार्वजनिक शौचालयों में सफाई एजेंट के रूप में तेजाब के उपयोग के खिलाफ जारी दिशानिर्देशों के साथ-साथ शौचालयों की सफाई के लिए तेजाब के उपयोग को रोकने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा है।”
बयान में कहा गया है कि आयोग ने एमसीडी से खरीदे गए तेजाब के बिलों की एक प्रति और उक्त शौचालय के रखरखाव के लिए एमसीडी द्वारा वितरित धनराशि की एक प्रति जमा करने को कहा है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सार्वजनिक शौचालय से 50 लीटर तेजाब की एक कैन जब्त की गई है। हमने एक डेली डायरी (डीडी) दर्ज की है और इसके बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट उप प्रभागीय न्यायाधीश को सौंपेंगे।”
डीसीडब्ल्यू के अनुसार, दरियागंज क्षेत्र में एमसीडी शौचालयों के निरीक्षण के दौरान आयोग ने पाया कि रात 10 बजे बंद शौचालय का इस्तेमाल करने पर हर बार उपयोगकर्ताओं से 10 रुपये लिए जा रहे थे, जिससे महिलाएं और लड़कियां खुले में शौच करने को मजबूर हुई।
यह भी पाया गया कि अस्पताल के पास एमसीडी के दो शौचालय परिसर बंद थे।
आयोग ने इसके अलावा सार्वजनिक शौचालयों के उपयोगकर्ता शुल्क के संबंध में दिशानिर्देशों की प्रति के साथ उपयोगकर्ताओं से 10 रुपये का उपयोग शुल्क लेने का कारण पूछा है।
बयान में कहा गया है कि मालीवाल ने उनसे शौचालयों को बंद रखने का कारण भी पूछा है और सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
समिति ने कहा कि स्थानीय लोगों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शौचालय परिसरों में कई महीनों से ताला लगा हुआ है, जिससे महिलाओं और लड़कियों को परेशानी हो रही है।
भाषा जितेंद्र जितेंद्र माधव
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