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Monday, 4 November, 2024
होमदेशत्यौहारों के सीजन में 40 हजार करोड़ रुपए के चीनी सामान की बिक्री पर लगेगी रोक: कैट

त्यौहारों के सीजन में 40 हजार करोड़ रुपए के चीनी सामान की बिक्री पर लगेगी रोक: कैट

'गणेश चतुर्थी' को इस बार नए तरीके से मनाने के लिए कैट ने मिट्टी, गोबर और खाद से बने 'पर्यावरण मित्र गणेश जी' की कुछ प्रतिमाएं पेश की हैं.

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नई दिल्ली: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान जारी है. बहिष्कार का अगला कदम बताते हुए कैट ने कहा कि इस साल की दिवाली देश भर में ‘हिन्दुस्तानी दिवाली’ के रूप में मनाई जायेगी जिसमें चीन का कोई भी सामान इस्तेमाल नहीं होगा. अपने राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के तहत कैट का कहना है कि त्यौहर के मौसम में 40 हज़ार करोड़ के चीनी सामान की बिक्री पर रो लगाएंगे.

अभियान के तहत 22 अगस्त को भगवान् श्री गणेश जी के जन्मदिवस ‘गणेश चतुर्थी’ को इस बार नए तरीके से मनाने के लिए कैट ने मिट्टी, गोबर और खाद से बने ‘पर्यावरण मित्र गणेश जी’ की कुछ प्रतिमाएं पेश की हैं. कैट का मानना है कि देश भर के व्यापारी और लोग इस गणेश चतुर्थी को अपने घर में इस मूर्ति को स्थापित कर इनकी पूजा करेंगे.

एक बयान में कैट ने कहा, ‘भगवान श्री गणेश अपनी माता देवी पार्वती के साथ इस दिन धरती पर अवतरित हुए थे. इस अवधारणा को मानकर भारत में गणेश चतुर्थीओ का त्यौहार बेहद उत्साहपूर्वक मनाया जाता है. यूं तो यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन ख़ास तौर पर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में इस ज़्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है.’

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया कि इन वस्तुओं से बनी गणेश प्रतिमा का उद्देश्य पर्यावरण और जल को प्रदूषित होने से बचाना और इस त्यौहार को सही अर्थों में पूर्ण भारतीयता के साथ मनाना है. उन्होंने कहा, ‘इस क्रम में 6 इंच, 9 इंच एवं 12 इंच की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. अनेक प्रतिमाओं में तुलसी के बीज सहित विभिन्न सब्जियों के बीज भी डाले जा रहे हैं जिससे प्रतिमा जल में विसर्जित करने के बाद यह बीज मिट्टी में दबा कर पौधों का रूप ले सकें.’

कैट के मुताबिक गणेश की यह प्रतिमाएं गणेश चतुर्थी के पूजन के बाद घर में ही किसी बर्तन के कुंड में विसर्जित की जा सकती हैं. इससे पर्यावरण और जल को दूषित होने से बचाया जा सकेगा. कैट के मुताबिक पिछले साल तक गणेश चतुर्थी के अवसर पर चीन से आये गणेश की मूर्तियां बड़ी मात्रा में देश भर में बिका करती थीं.

हालांकि, इस साल कैट ने देश भर में फैले व्यापारी संगठनों को सलाह दी की वो अपने शहर या राज्य में कलाकृतियां बनाने वालों, कुम्हारों और स्थानीय लोगों द्वारा गणेश की प्रतिमाएं मिट्टी, गोबर एवं खाद का उपयोग कर बनवाएं और इन्हें बेचे जाने की व्यवस्था करें. कैट को उम्मीद है कि इससे कोरोना काल में काम खोन वालों को काम मिलेगा.

कैट ने कहा, ‘ऐसे लोगों की सहायता कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत में कैट के नेतृत्व में व्यापारी भी अपना योगदान देंगे. अब से लेकर दिवाली तक देश में त्योहारों का सीजन है और चीन से आयात हुआ लगभग 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक का सामान इस सीजन में बिकता है. इनमें ख़ास तौर पर भगवान् की मूर्तियां, अगरबत्ती, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, एलेक्ट्रिकलस, बिजली के बल्बों की झालर, बल्ब, सजावटी सामान, पीतल एवं अन्य धातुओं के दीये, फ़र्निशिंग फ़ैब्रिक, किचन इक्विप्मेंट, पटाखे, आदि शामिल होते हैं.’

कैट की मानें तो इस साल देश भर के व्यापारियों ने यह तय किया है की वो इस त्योहारी सीज़न में चीन का सामान न बेचेंगे बल्कि अपने देश में ही बना हुआ सामान बेच कर चीन को राखी के बाद अब त्योहारी सीज़न का 40 हज़ार करोड़ रुपए का झटका देंगे.

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