नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को अदालत में पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया कि चांदनी चौक में अवैध फेरीवालों से निपटने के लिए उनके पास क्या प्रस्ताव है।
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि कई न्यायिक आदेशों के बावजूद बाजार के जमीनी हालात में सुधार नहीं हुआ है और अगर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को छोड़ देंगे तो अराजकता हो जाएगी।
अदालत ने कहा, “मौजूदा स्थिति दर्शाती है कि एमसीडी और दिल्ली पुलिस ने अतिक्रमणों को चुनिंदा तरीके से हटाने के लिए तदर्थ कार्रवाई की है, जिससे चांदनी चौक के ‘नो-वेंडिंग जोन’ में फेरीवालों और विक्रेताओं के अतिक्रमण को स्थायी रूप से समाप्त करने का वांछित परिणाम नहीं मिला है।”
पीठ ने कहा कि कनॉट प्लेस और नेहरू प्लेस जैसे कुछ अन्य बाजारों में अवैध फेरीवालों के खिलाफ उसके आदेशों का संबंधित अधिकारियों द्वारा सफलतापूर्वक पालन कराया गया है।
अदालत ने कहा, “इस अदालत के लिए दिल्ली पुलिस के आयुक्त के साथ-साथ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त की उपस्थिति की आवश्यकता है ताकि वे यह बता सकें कि वे मौजूदा खतरे से कैसे निपटने वाले हैं।”
पीठ ने कहा, “हम इस स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकते कि प्रतिवादी अधिकारी असहाय हैं। वे अपनी वैधानिक जिम्मेदारी का आत्मसमर्पण या त्याग नहीं कर सकते हैं और प्रतिवादी अधिकारियों द्वारा चीजों को यथावत छोड़ने से अराजकता और कानून के शासन की विफलता होगी… इसलिए हम दिल्ली पुलिस आयुक्त और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को 28 फरवरी, 2022 को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश देते हैं।”
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प्रशांत अनूप
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