नई दिल्लीः हाल ही में हवाई जहाज की एक घटना में जिसमें टर्बुलेंस के कारण उसमें सवार यात्री दुर्घटनाग्रस्त हो गए डीजीसीए ने महानिदेशक अरुण कुमार की अगुवाई में देश के तमाम बड़े एयरपोर्ट्स पर औचक निरीक्षण शुरू किया है ताकि एयरक्राफ्ट की फिटनेस और केबिन सेफ्टी से संबंधित मुद्दों का पता लगाया जा सके.
अब हम यह काम बडे़ स्तर पर कर रहे हैं. जरूरत इस बात की है कि पूरा फ्लीट चेक किया जाए और जहां भी जरूरत हो उसे ठीक किया जाए.
डीजीसीए के महानिदेशक ने टीम को सलाह दी है कि वे विमान सीटों, फूड ट्रे, खिड़कियों और वॉशरूम पर ढीली फिटिंग सहित संभावित सुरक्षा मुद्दों की जांच करने के लिए केबिन, कॉकपिट और विमानों के यात्री क्षेत्र की अच्छी तरह से जांच करें.
डीजीसीए ने एएनआई को बताया, ‘कॉकपिट क्षेत्र को छोड़कर यात्रियों से संबंधित सभी विषयों की जांच करने का निर्देश दिया गया है, जिसके बारे में नियामकों को आमतौर पर शिकायतें मिल रही हैं. यदि एयरलाइंस को नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा तो उन्हें भारी जुर्माना देना पड़ेगा.
दुर्गापुर की घटना के बाद कुमार ने सभी स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट की जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘अब तक 70 से अधिक विमानों की जांच पूरी हो चुकी है. किसी भी विमान को सुरक्षा मंजूरी के बिना उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’
हाल ही में डीजीसीए की नियामक संस्था ने वित्तीय ऑडिट के लिए सभी एयरलाइन कंपनियों की वेल्थ रिपोर्ट मांगी थी ताकि इसे कंपनियों के कर्मचारियों के व्यवहार से जोड़ा जा सके.
डीजीसीए के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, ‘एविएशन सुरक्षा का खेल है और हम इसमें कोई भी कमी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
एक मई को शुरुआती जांच के अनुसार, मुंबई से दुर्गापुर जा रहा एक बोइंग बी 737 विमान ‘ऑटोपायलट मोड’ पर था, जब उसमें टर्बुलेंस की वजह से 14 यात्री और तीन केबिन क्रू घायल हो गए.
उन 14 यात्रियों में से 2 अभी भी आईसीयू में हैं. डीजीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इस दौरान 2 मिनट के लिए ऑटो पायलट मोड बंद हो गया और क्रू के लोगों को खुद से ही एयरक्राफ्ट को उड़ाना पड़ा. एयरक्राफ्ट ने दुर्गापुर एटीसी को रिपोर्ट किया कि कुछ यात्रियों को चोट आई है और विमान के उतरते ही मेडिकल असिस्टेंस की व्यवस्था की जाए.’
यह भी पढ़ेंः गंदी सीटों की वजह से उड़ान भरने से रोके गए स्पाइस जेट के विमान ने मरम्मत के बाद उड़ान भरी