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शुक्रवार, 16 मई, 2025
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सरकार की उदासीनता के कारण शारदा पीठ के दर्शन से सनातनी वंचित : रवींद्र पंडित

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महाकुंभ नगर (उप्र), 25 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित शारदा पीठ का सनातन धर्मावलंबियों को दर्शन पूजन का अधिकार दिलाने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे ऑल इंडिया कश्मीरी समाज के अध्यक्ष रवींद्र पंडित ने मंगलवार को कहा कि सरकार की उदासीनता की वजह से सनातनी शारदा पीठ के दर्शन से वंचित हैं।

पंडित ने यहां दारागंज स्थित श्रृंगेरी मठ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “वर्तमान में भारत-पाक संधि के तहत कश्मीर से वही लोग शारदा पीठ जा सकते हैं जिनके वहां रिश्तेदार हैं। लेकिन, वहां किसी कश्मीरी का कोई रिश्तेदार नहीं होने की वजह से कोई कश्मीरी वहां नहीं जा सकता।”

उन्होंने कहा, “पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री ने महाकुंभ में जब श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य विधुशेखर भारती जी से भेंट की थी, तब शंकराचार्य ने पीओके स्थित शारदा पीठ को हिंदुओं के दर्शनार्थ खोले जाने की बात रखी थी और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि सरकार इस संबंध में काम कर रही है। लेकिन सरकार की ओर से कोई समय सीमा नहीं बताई जा रही।”

पंडित ने कहा, “शारदा पीठ को खोलने के संबंध में सरकार की उदासीनता के कारण वहां अतिक्रमण किया जा रहा है। पिछले वर्ष पाकिस्तानी सेना ने वहां कॉफी होम खोल दिया। भारत सरकार यदि कार्रवाई नहीं करती है तो हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय जाएंगे अन्यथा हम नियंत्रण रेखा पार करने के लिए विवश होंगे।”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के 10 जिलों में एक भी हिंदू और सिख नहीं रहता, जबकि हमारे 10 जिलों में हिंदू, सिख और मुस्लिम सभी हैं। इस तरह से वहां के मुस्लिम तो यहां आ सकते हैं, लेकिन यहां का हिंदू वहां नहीं जा सकता।”

उन्होंने कहा, “हम 2006 से लगातार मांग कर रहे हैं कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) परमिट नियम में संशोधन किया जाए ताकि धार्मिक पर्यटन शुरू हो सके। वर्ष 2019 में करतारपुर गलियारा खोल दिया गया और मैं वहां गया। वहीं, जब शारदा पीठ जाने को एलओसी परमिट के लिए आवेदन करता हूं तो भारत सरकार ही आवेदन खारिज कर देती है क्योंकि मेरा वहां कोई रिश्तेदार नहीं है। मैंने दो बार आवेदन किया और दोनों बार आवेदन खारिज कर दिया गया।”

पंडित ने कहा, “सरकार दावा करती है कि वह जल्द से जल्द पीओके अपने कब्जे में लेगी। लेकिन सरकार ना तो पीओके ले रही है और ना ही शारदा पीठ का रास्ता साफ कर रही है। ऐसे में सनातनी वर्ष 1948 से बंद शारदा पीठ जाएगा कैसे।”

उन्होंने केंद्र से कश्मीरी पंडितों का कश्मीर में पुनर्वास के लिए कदम उठाने की भी मांग की और कहा कि कश्मीर घाटी में स्थित मंदिरों के संरक्षण के लिए सरकार विधानसभा में विधेयक लाकर श्राइन बोर्ड का गठन करे ताकि घाटी के मंदिर तो सुरक्षित रहें।

भाषा

राजेंद्र, रवि कांत रवि कांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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