नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को देखते हुए आप सरकार ने सभी स्कूलों की दिसंबर की सर्दी की छुट्टियों में फेरबदल किया. यह अब नौ नवंबर से 18 नवंबर तक होंगी. बुधवार को दिल्ली शिक्षा निदेशालय के एक नोटिस जारी किया गया है जिसमे यह जानकारी दी गई है .
Delhi government announces early winter break in schools from 9th to 18th November amid severe air pollution in the national capital pic.twitter.com/g9TDdHouot
— ANI (@ANI) November 8, 2023
इससे पहले खराब वायु गुणवत्ता के कारण तीन नवंबर से 10 नवंबर तक छुट्टियों की घोषणा की गई थी.
नोटिस में कहा गया है, ‘‘दिल्ली में व्याप्त गंभीर वायु गुणवत्ता के कारण ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 उपायों के कार्यान्वयन और निकट भविष्य में ऐसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों से कोई राहत नहीं मिलने की आशंका के मद्देनजर सत्र 2023-24 के लिए समयपूर्व शीतकालीन अवकाश का आदेश दिया गया है ताकि स्कूल पूरी तरह से बंद रहें और बच्चे और शिक्षक दोनों घर पर रह सकें.
नोटिस के अनुसार, ‘‘इसलिए सभी स्कूलों में नौ नवंबर 2023 (कल) से 18 नवंबर 2023 (शनिवार) तक शीतकालीन अवकाश रहेगा.’’
दिल्ली और उसके उपनगरों में हवा की गुणवत्ता बुधवार सुबह फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई. पड़ोसी राज्यों में धान की कटाई के बाद पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में एक तिहाई योगदान रहता है.
मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 395 से बढ़कर 421 पर पहुंच गया.
मामूली गिरावट के बावजूद श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने में सक्षम सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की सांद्रता राष्ट्रीय राजधानी में सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की निर्धारित सीमा से सात से आठ गुना अधिक हो गई है.
यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की स्वस्थ सीमा से 30 से 40 गुना अधिक है.
गंगा के मैदानी इलाकों के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक बताई गई है. पड़ोसी गाजियाबाद (382), गुरुग्राम (370), नोएडा (348), ग्रेटर नोएडा (474) और फरीदाबाद (396) में भी वायु गुणवत्ता की खतरनाक स्थिति की सूचना मिली है.
दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने में सक्षम संख्यात्मक मॉडल-आधारित ढांचा ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से मंगलवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का योगदान 37 प्रतिशत हिस्सा रहा. बुधवार को इसके 33 फीसदी होने की संभावना है.
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