scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमडिफेंसDRDO का वैज्ञानिक कुरुलकर पाकिस्तानी एजेंट के प्रति आकर्षित, मिसाइल प्रणाली की बातें की साझा: चार्जशीट

DRDO का वैज्ञानिक कुरुलकर पाकिस्तानी एजेंट के प्रति आकर्षित, मिसाइल प्रणाली की बातें की साझा: चार्जशीट

एटीएस ने चार्जशीट में कहा, ‘दासगुप्ता’ ने दावा किया था कि वे ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया.’

Text Size:

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर ‘ज़ारा दासगुप्ता’ नामक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था और उसने खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की थी. यह आरोप कुरुलकर के खिलाफ दायर चार्जशीट में लगाए गए हैं.

एटीएस ने वैज्ञानिक और पाकिस्तानी ऑपरेटर के बीच ‘‘विस्फोटक चैट’’ का खुलासा करने का दावा किया. महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 30 जून को यहां कि एक अदालत में कुरुलकर के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. वे पुणे में डीआरडीओ की एक लैब का निदेशक था.

उसे 3 मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में है.

चार्जशीट के मुताबिक, कुरुलकर और ‘ज़ारा दासगुप्ता’ व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे.

1800 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि कथित पाकिस्तानी एजेंट ने कुरुलकर से जुड़ने के लिए अलग-अलग नामों से कई फर्ज़ी खाते बनाए. इनमें से दो नाम थे ‘‘ज़ारा दासगुप्ता और जूही अरोड़ा’’. एक ही ऑपरेटर ने दो अलग-अलग फोन नंबरों का उपयोग करके मैसेजिंग ऐप्स पर इन नामों के तहत एकाउंट भी बनाए. दोनों नंबर +44 लंदन कोड से शुरू हुए.

एटीएस ने चार्जशीट में कहा, ‘‘दासगुप्ता’’ ने दावा किया था कि वे ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की. जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया.’’

चार्जशीट के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की.

इसमें कहा गया, “कुरुलकर उस महिला के प्रति आकर्षित होने लगा और उसने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारी को अपने निजी फोन में लिया और फिर कथित तौर पर ज़ारा के साथ साझा किया.’’

कथित ज़ारा दासगुप्ता के साथ बातचीत के दौरान, कुरुलकर ने उल्का मिसाइल के बारे में खुलकर बात की. इसके अलावा ब्रह्मोस मिसाइलों, राफेल, आकाश और अस्त्र मिसाइल प्रणालियों के बारे में और अग्नि -6 मिसाइल लांचर के बारे में भी जिस पर डीआरडीओ में काम चल रहा है और वह भी उनमें शामिल था.

चार्जशीट में संलग्न चैट के अनुसार, कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट रक्षा मुद्दों पर इन गंभीर बातचीत की शुरुआत एक चंचल ‘‘बेब’’ के साथ करते थे.

जबकि चार्जशीट में उस जानकारी का उल्लेख किया गया था जो तथाकथित ज़ारा दासगुप्ता ने वैज्ञानिक से मांगी थी, उनके विस्तृत बचाव विवरण के जवाब एक सीलबंद लिफाफे में विशेष अदालत को सौंपे गए थे.

चार्जशीट में यह भी तर्क दिया गया कि कुरुलकर, जिसने एक डॉक्टर से शादी की है, को अपने काम के बारे में डींगें हांकना पसंद है.

1,837 पेज के आरोप पत्र में संलग्न चैट में से एक में महिला पाकिस्तानी एजेंट ने वैज्ञानिक से पूछा, क्या अग्नि -6 लॉन्चर परीक्षण सफल रहा है, जिस पर जवाब आया,‘‘लॉन्चर मेरा डिज़ाइन है बेब यह एक बड़ी सफलता थी.’’ कुरुलकर और कथित पाकिस्तानी ऑपरेटिव के बीच ये चैट सितंबर 2022 और फरवरी 2023 के बीच की हैं. इस साल मार्च में किसी समय डीआरडीओ ने महाराष्ट्र एटीएस को कुरुलकर की गतिविधियों के बारे में अपने संदेह के बारे में सूचित किया था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.

चार्जशीट के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंट ने कुरुलकर के साथ तीन ईमेल आईडी साझा कीं और उसका विश्वास जीतने के लिए, उसने इन ईमेल आईडी के पासवर्ड भी साझा किए और फिर जोर देकर कहा कि वे अपने मोबाइल पर दो ऐप डाउनलोड करें, जो उसने किया भी.

इसमें कहा गया है, ‘‘ऐप का उपयोग करने से आरोपी के मोबाइल फोन में मैलवेयर डाले जाने की संभावना हो सकती है.’’ दरअसल, कुरुलर के फोन की फॉरेंसिक जांच में डीआरडीओ विशेषज्ञों को एक मैलवेयर मिला और उन्होंने इसकी सूचना एटीएस को दी है.

एटीएस ने यह भी तर्क दिया कि समय के साथ, कुरुलकर और पाकिस्तानी ऑपरेटिव के बीच ऐसी घनिष्ठता विकसित हुई कि वह अक्सर अपने रोजमर्रा के जीवन की छोटी-छोटी बातें उसके साथ साझा करता था.

आरोप पत्र में उल्लेख किया गया है कि ऑपरेटिव द्वारा प्रदान की गई ईमेल आईडी से जुड़ा रिकवरी मोबाइल नंबर इस्लामाबाद में पाकिस्तान स्थित नयाटेल का था, जबकि ईमेल आईडी का आईपी पता पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन लिमिटेड का था.

एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था.

इसके बाद उसे एक अज्ञात भारतीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि ‘‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया.’’

चार्जशीट के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए जबकि उसे पता था कि उसे ऐसा किसी के साथ नहीं करना है.

कुरुलकर, जो वर्तमान में पुणे की येरवड़ा जेल में बंद हैं, को एटीएस ने जासूसी और पड़ोसी देश के ऑपरेटिव के साथ गलत संचार के आरोप में 3 मई को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने अपनी जांच के तहत अब तक 203 गवाहों से पूछताछ की है.


यह भी पढ़ें: विक्रमादित्य 2.5 साल बाद फिर एक्शन में आया, नौसेना को दो और रोमियो हेलीकॉप्टर मिलेंगे


 

share & View comments