scorecardresearch
बुधवार, 7 मई, 2025
होमदेशद्रविड़ विचारधारा ने आर्यों और द्रविड़ों के बीच मतभेदों की कहानी गढ़ी: तमिलनाडु के राज्यपाल

द्रविड़ विचारधारा ने आर्यों और द्रविड़ों के बीच मतभेदों की कहानी गढ़ी: तमिलनाडु के राज्यपाल

Text Size:

चेन्नई, तीन मार्च (भाषा) तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने सोमवार को दावा किया कि द्रविड़ विचारधारा ने पिछले 60-70 वर्षों में आर्यों और द्रविड़ों के बीच मतभेदों की कहानी गढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारतीय साहित्य में आर्य शब्द का इस्तेमाल जाति के रूप में नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि संगम या वैदिक साहित्य में से किसी ने भी आर्य शब्द का इस्तेमाल जाति के रूप में नहीं किया है।

राज्यपाल ने यहां डीजी वैष्णव कॉलेज में ‘सिंधु सभ्यता: इसकी संस्कृति और लोग – पुरातात्विक अंतर्दृष्टि’ पर दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘वास्तव में, तमिल साहित्य में भी आर्य शब्द का इस्तेमाल जाति के रूप में नहीं किया गया है। पिछले 60-70 वर्षों में द्रविड़ विचारधारा ने आर्यों और द्रविड़ों के बीच मतभेदों की कहानी गढ़ी है।’’

रवि ने अपने भाषण में इस बात पर रोशनी डाली कि किस तरह वेदों के माध्यम से इस सभ्यता द्वारा दिए गए ज्ञान ने हजारों वर्षों से भारत और उसकी संस्कृति के विचार और पहचान को आकार दिया है और कैसे सृष्टि की एकता और सार्वभौमिक भाईचारे के इसके मूल्य हमारे व्यक्तिगत, राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण को परिभाषित और प्रेरित करते रहते हैं।

उन्होंने लोगों से इस सभ्यता को लंबे समय से चली आ रही बौद्धिक और राजनीतिक हिंसा से बचाने का आग्रह किया, जो यूरोपीय उपनिवेशवादियों के साथ-साथ ‘मार्क्सवादी और द्रविड़ विचारधाराओं से जुड़े लोगों द्वारा विकृतियों और गलत व्याख्याओं के माध्यम से की गई है, जिन्होंने आर्य आक्रमण और आर्य जाति के सिद्धांतों का झूठा प्रचार किया।’

उन्होंने कहा, ‘‘उपग्रह चित्रों और परमाणु भौतिकी सहित आधुनिक विज्ञान ने सरस्वती-सिंधु सभ्यता के वैदिक सभ्यता होने के ऐतिहासिक सत्य को स्थापित किया है, जिसने पूरे भारत को अपने में समाहित कर लिया था।’’

राज्यपाल ने आग्रह किया कि हमारे व्यापक राष्ट्रीय पुनरुत्थान के समय में, लोगों को सरस्वती-सिंधु सभ्यता के ऐतिहासिक रूप से सही आख्यान को प्रसारित करने में सक्रिय होना चाहिए।

भाषा वैभव नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments