भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक और प्रखर राष्ट्रवादी नेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. भाजपा कार्यालय के पास स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने उनके योगदान को राष्ट्र के नवनिर्माण की दिशा में ऐतिहासिक बताया.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “डॉ. मुखर्जी जैसे महापुरुषों ने कभी पद या सत्ता की लालसा नहीं की. उन्होंने अपना जीवन देश की एकता, अखंडता और अखंड भारत के संकल्प को समर्पित कर दिया.”
उन्होंने याद दिलाया कि डॉ. मुखर्जी ने नारा दिया था: “एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे”, जो आज भी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सबसे पहले देश को यह एहसास कराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. “कश्मीर भारत का मस्तक है, मोर मुकुट है, और इसके बिना भारत अधूरा है.” डॉ. मुखर्जी के प्रयासों से ही देश में यह भावना गहराई कि एक भारत – श्रेष्ठ भारत का सपना तभी पूरा होगा, जब जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से राष्ट्रीय मुख्यधारा से जुड़ जाएगा.
डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धारा 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर को सच्चे अर्थों में देश के साथ जोड़ा गया. उन्होंने कहा, “1947 में ही कश्मीर में विकास के द्वार खुलने चाहिए थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे नेटवर्क, धार्मिक पर्यटन, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में ठोस कार्य कर वहां समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है.”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने अपने पड़ोसी देशों को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि अब भारत किसी भी स्थिति में अपनी एकता और अखंडता से समझौता नहीं करेगा.
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे डॉ. मुखर्जी के जीवन और सिद्धांतों से प्रेरणा लें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे. श्रद्धांजलि सभा में डॉ. मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए सभी ने उनके विचारों और बलिदान से प्रेरणा लेने का संकल्प दोहराया.