scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमदेशCOVID के उपचार की नयी दवाएं विकसित करने में लगी है Dr Reddys

COVID के उपचार की नयी दवाएं विकसित करने में लगी है Dr Reddys

डॉ रेड्डी के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि कंपनी अगले कुछ महीनों में नए विकल्पों को सामने लाएगी. इस दौरान पहले से इस्तेमाल हो रही दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जायेगी.

Text Size:

नयी दिल्ली : दिग्गज दवा निर्माता डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए नए विकल्पों पर तेजी से काम कर रही है जो कुछ माह में बाजार में आ जाएंगे. कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

डॉ रेड्डी के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि कंपनी अगले कुछ महीनों में नए विकल्पों को सामने लाएगी. इस दौरान पहले से इस्तेमाल हो रही दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जायेगी.

कंपनी ने पिछले कुछ दिनों में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन समेत कई अन्य संगठनों के साथ भागीदारी की है. उसने रुस के सहयोग से वहां विकसित कोरोना की स्पूतनिक वी वैक्सीन को भारतीय बाजार में उतारा है.

डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जीवी प्रसाद ने कहा, ‘हम हर संभव तरीके से कोविड मरीजों की तत्परता के साथ सेवा करने की भावना से प्रेरित हैं. कोविड से बचाव और उपचार के नए विकल्पों को तलाशने के लिए हमने कई संगठनों के साथ हाथ भी मिलाया हैं.’

उन्होंने कहा कि डॉ रेड्डी ने पिछले कुछ सप्ताहों में कई दवाओं समेत रेमडेसिवीर के उत्पादन को बढ़ाया है ताकि एक दम से बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

प्रसाद ने कहा, ‘हम कोविड उपचार के नए विकल्पों पर भी काम कर रहे हैं जो अगले कुछ महीने के दौरान बाजार में आ जायेंगे. इस दौरान हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि हमारी मौजूदा दवाओं की आपूर्ति बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से जारी रहे. हम अपने सभी बाजारों के लिए मांग को पूरा करने का काम जारी रखे हुए हैं.’

वही स्पूतनिक वी के साथ समझौते को लेकर डॉ रेड्डी के सीईओ इरेज़ इजरायली ने कहा, ‘हमारे पास शुरुआत की 25 करोड़ स्पूतनिक वी डोज का अधिकार है जो 12.5 करोड़ लोगों को लगाई जायेगी. शुरू में वैक्सीन रूस ही आयात की जायगी. छह निर्माताओं के साथ साझेदारी भी की गई है ताकि वैक्सीन को भारत में ही बनाया जा सके.’

share & View comments