नई दिल्ली: बिहार के मुंगेर के एक मध्य विद्यालय में पेट के कीड़े मारने वाली दवाई खाने के बाद शुक्रवार को कई बच्चे बीमार हो गए. बच्चों को बरियारपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया है. मामले की सूचना मिलते ही जिले के सभी आला अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया.
स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि करीब 15 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं.
उन्होंने बताया, ‘बिहार सरकार की ओर से ये योजना चल रही थी. अभी कारण की असल वजह नहीं पता चली है. बच्चों को कोई गंभीर परेशानी नहीं है.’
बिहार: मुंगेर के एक मध्य विद्यालय में पेट के कीड़े मारने वाली दवाई खाने के बाद कई बच्चे बीमार हुए।
प्रधानाचार्य ने बताया,“करीब 15 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं। बिहार सरकार की ओर से ये योजना चल रही थी। अभी कारण की असल वजह नहीं पता चली है। बच्चों को कोई गंभीर परेशानी नहीं है।” pic.twitter.com/UQCeIayHCT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2022
कोविड महामारी के कारण स्कूल काफी समय से बंद थे जिस कारण बच्चों को पेट में कीड़े की दवाई एल्बेंडाजोल नहीं दी जा रही थी. राज्य में स्कूल खुलने के बाद कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर ये दवाई दी जा रही है.
एक रिपोर्ट के अनुसार मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने कहा कि कृमि दिवस के मौके पर स्कूलों में एल्बेंडाजोल की दवा दी गई थी.
बिहार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कृमि नियंत्रण की दवाई 1-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों और किशोरों को स्कूलों एवं आगंनवाड़ी केंद्रों में निर्धारित खुराक के अनुसार निशुल्क खिलाई जाएगी.
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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के अनुसार राज्य में 5 करोड़ बच्चे और किशोरों को दवाई खिलाई जाएगी.
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