नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को सवाल किया कि क्या देश को प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता जानने का अधिकार नहीं है।
इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने उस आदेश को शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था।
सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) में राशि जमा करने के लिए कहा।
उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितना पढ़े हैं? अदालत में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का जबरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अनपढ़ या कम पढ़े लिखे प्रधानमंत्री देश के लिए बेहद खतरनाक हैं।’’
राज्यसभा सदस्य एवं आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने उच्च न्यायालय के फैसले को ‘आश्चर्यजनक’ बताया।
सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सीआईसी ने एक आदेश पारित किया और गुजरात विश्वविद्यालय से नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने को कहा। फिर, विश्वविद्यालय सीआईसी के आदेश के खिलाफ अपील दायर करता है लेकिन अरविंद केजरीवाल पर जुर्माना लगाया गया है। यह कैसा फैसला है?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इससे साबित होता है कि प्रधानमंत्री असल में पढ़े-लिखे नहीं है और वह नहीं चाहते कि देश के लोगों को उसकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में पता चले।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या देश एक अनपढ़ प्रधानमंत्री होने की कीमत चुकाता रहेगा।’’
उन्होंने मोदी पर कटाक्ष किया और उनसे कम से कम अपनी ‘‘राजनीति विज्ञान की पूरी डिग्री’’ दिखाने को कहा, जिसका उन्होंने एक बार जिक्र किया था।
सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘कल कुछ पोस्टर चिपकाए गए थे जिनमें पूछा गया था कि क्या देश के प्रधानमंत्री को शिक्षित होना चाहिए। मोदी जी ने इन पोस्टरों को फाड़ने के लिए पुलिस भेजी।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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