कुरनूल (आंध्र प्रदेश), 25 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश बस आग हादसे के पीड़ितों की डीएनए प्रोफाइलिंग में 48 घंटे लगेंगे और इसके 27 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है। यह जानकारी शनिवार को एक अधिकारी ने दी।
डीएनए प्रोफाइलिंग एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान उसके डीएनए के आधार पर की जाती है। इसका इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं या दुर्घटनाओं में पीड़ित लोगों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
कुरनूल जिले के चिन्नातेकुरु गांव में शुक्रवार तड़के एक निजी बस की एक मोटरसाइकिल से टक्कर के बाद 19 यात्रियों और बाइक सवार की जलकर मौत हो गई। बस में 44 यात्री सवार थे और कई लोग आग से बच निकलने में सफल रहे।
कुरनूल जिला कलेक्टर ए सिरी ने कहा कि 19 शवों से नमूने एकत्र किए गए और उन्हें विजयवाड़ा स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेज दिया गया।
सिरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुझे बताया गया है कि इसमें (डीएनए प्रोफाइलिंग में) 48 घंटे लगेंगे। हम उस दिन के लिए एम्बुलेंस और वाहनों की भी व्यवस्था कर रहे हैं ताकि परिणाम आते ही हम शवों को उनके संबंधित स्थानों पर पहुंचा सकें।’’
उन्होंने बताया कि 19 शवों में से एक की पहचान नहीं हो पाई क्योंकि किसी ने उस पर दावा नहीं किया। उन्होंने बताया कि डीएनए प्रोफाइलिंग से शवों का परिजनों से सटीक मिलान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 16 परिजनों ने डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए अपने नमूने दे दिए हैं, जबकि दो और शव आज विजयवाड़ा लाये जा रहे हैं।
सीरी के अनुसार, शव इतने जल चुके थे और उनकी पहचान नहीं की जा सकी और पहचान के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग जरूरी था।
उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी शवों को कुरनूल सरकारी सामान्य अस्पताल (जीजीएच) में सुरक्षित रखा गया है और डीएनए नमूने आने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
कुरनूल के पुलिस अधीक्षक विक्रांत पटेल ने पहले दिए एक बयान में कहा, ‘‘बस की बैटरियां, ज्वलनशील सामान की मौजूदगी और मोबाइल फोन के कारण आग भड़क गई और यह दुखद घटना घटी।’’
भाषा अमित रंजन
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