चेन्नई, 20 नवंबर (भाषा) तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर बुधवार को आरोप लगाया कि उसने तमिल सहित अन्य राज्य भाषाओं की अनदेखी की। इसके साथ ही उसने हिंदी माह एवं सप्ताह मनाने के लिए केंद्र की आलोचना की।
पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए तुरंत अभियान शुरू करने और लोगों को महत्वपूर्ण योजनाओं एवं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के दूरदर्शी नेतृत्व के बारे में बताने का आग्रह किया।
सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुक्त यात्रा और ‘कलैगनार मगलिर उरीमाई थोगई’ (महिलाओं के अधिकार के लिए कलैगनार योजना) के तहत महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता द्रमुक सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल है।
द्रमुक ने मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष एमके स्टालिन की अध्यक्षता में अपनी उच्च स्तरीय बैठक में जाति जनगणना में ‘देरी’ को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
सत्तारूढ़ दल ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी केंद्र की आलोचना की और कहा कि यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने के समान है।
द्रमुक ने केंद्र सरकार पर रेल हादसे रोकने में नाकाम रहने का आरोप भी लगाया। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में सभी वर्गों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया।
भाषा पारुल अविनाश
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