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Sunday, 14 December, 2025
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डी.के. शिवकुमार ने नकदी छिपाने के लिए सहयोगियों के साथ आपराधिक साजिश रची : प्रवर्तन निदेशालय

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नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार के खिलाफ दाखिल हालिया आरोप पत्र में कहा है कि 2017 में उनसे संबद्ध परिसर में आयकर विभाग के छापे में जब्त किये गये करोड़ों बेहिसाबी नकदी के स्रोत को छिपाने के लिए उन्होंने (शिवकुमार ने) अपने चार सहयोगियों के साथ एक बखूबी सोची-समझी साजिश रची थी।

संघीय एजेंसी ने करीब 60 पृष्ठों का आरोप पत्र 24 मई को एक विशेष पीएमएलए (धन शोधन रोकथाम अधिनियम) अदालत में दाखिल किया।

यह मामला अगस्त 2017 से संबद्ध है जब आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके कथित कारोबारी सहयोगी एवं शराब व्यापारी सचिन नारायण (45), अन्य सहयोगी सुनील कुमार शर्मा (46), जो लग्जरी बसों का बेड़ा संचालित करते हैं, कर्नाटक भवन (दिल्ली) के कर्मचारी ए हनुमनतैया (49) और राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी एवं कर्नाटक भवन में पदस्थ संरक्षक राजेंद्र एन (76) के खिलाफ कर चोरी के आरोपों के सिलसिले में दिल्ली में कई परिसरों में तलाशी ली थी।

आयकर विभाग ने तलाशी के दौरान कुल 8.59 करोड़ रुपये जब्त किये थे। विभाग ने बाद में, सभी आरोपियों के खिलाफ कर चोरी के आरोपों को लेकर बेंगलुरु की एक अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था तथा ईडी ने 2018 में धन शोधन का एक मामला दर्ज करने के लिए इस शिकायत का संज्ञान लिया था।

कर्नाटक के पूर्व मंत्री शिवकुमार (60) की कथित भूमिका का जिक्र करते हुए ईडी ने कहा कि वह धन शोधन से जुड़ी प्रक्रिया/गतिविधि में संलिप्त मुख्य आरोपी हैं जिन्होंने अपना संदिग्ध धन बेहिसाबी संपत्ति आदि में तब्दील किया और इस तरह के धन के स्रोत को छिपाने के लिए अन्य आरोपियों की सक्रिय भागीदारी से एक बखूबी सोची समझी साजिश रची।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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