कोटा (राजस्थान): राजस्थान के बूंदी जिले के चड़ी गांव में सोमवार को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ कई अधिकारियों और ऊंची जाति के कुछ लोगों सहित ग्रामीणों ने एक दलित दूल्हे की बारात का स्वागत करते हुए एक अनूठी मिसाल पेश की। दूल्हा पूरे धूमधाम के साथ रात लेकर गांव पहुंचा। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जिला प्रशासन की ओर से चलाए गए “समानता अभियान’’ के तहत बूंदी की जिलाधिकारी रेणु जयपाल और पुलिस अधीक्षक जय यादव समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने गांव में दलित दूल्हे की बारात का स्वागत किया। चड़ी गांव में उच्च जाति के लोग बहुसंख्यक हैं।
जिला पुलिस द्वारा शुरू किए गए इस नए अभियान का उद्देश्य दलित समुदाय में विश्वास पैदा करने के अलावा सभी के लिए सम्मान की भावना पैदा करना तथा दलित दूल्हों को उच्च जाति के लोगों की बहुलता वाले गांवों में बारात निकालने से रोकने की प्रथा से छुटकारा दिलाना भी है।
बख्शपुरा गांव के एक दलित समुदाय के व्यक्ति धनराज मेघवाल की शिकायत पर बूंदी जिला प्रशासन ने यह अभियान शुरू किया। लगभग एक महीने पहले धनराज ने इस मामले में जिलाधिकारी से संपर्क किया था। धनराज ने आशंका जताई थी कि उनके बेटे श्रीराम मेघवाल की शादी चड़ी गांव के रहने वाले बाबूलाल मेघवाल की बेटी द्रौपदी से होने वाली है, जिसमें उच्च जाति के लोग बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी रेणु जयपाल ने धनराज को न केवल सभी कानूनी संरक्षण का आश्वासन दिया, बल्कि उच्च जाति बहुल वाले गांवों का सर्वेक्षण करने और ऐसे सभी गांवों की सूची तैयार करने का भी आदेश दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से समानता अभियान चलाने का फैसला किया गया।
भाषा रवि कांत अविनाश
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