गुवाहाटी, एक अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सभी जिला आयुक्तों को अपने-अपने क्षेत्रों में वन भूमि पर अतिक्रमण के स्तर का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सभी जिले सर्वेक्षण करेंगे और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेदखल किया जाएगा, सिवाय उन लोगों के जो वन अधिकारों के लिए पात्र हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी लोग जंगलों में रह सकते हैं, बशर्ते वे 2005 से पहले वहां रहे हों। हम उन लोगों को बेदखल करने जा रहे हैं जो वन अधिकार अधिनियम के दायरे में नहीं आते।’’
शर्मा ने कहा कि अतिक्रमण बहुत अधिक और कल्पना से परे है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर हर महीने एक बेदखली अभियान चलाया जाए, तो भी जमीन खाली कराने में 10 साल लग जाएंगे।’’
उन्होंने कहा था कि मई 2021 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 1,19,548 बीघा (160 वर्ग किमी) भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है, जिससे लगभग 50,000 लोग प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से 84,743 बीघा वन भूमि है और 26,713 बीघा सामान्य सरकारी भूमि है।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि गोलाघाट जिले के छह गांवों में बेदखली अभियान शुक्रवार को लगातार चौथे दिन भी जारी रहा और अब तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
असम में 1,500 हेक्टेयर वनक्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने का यह अब तक का सबसे बड़ा बेदखली अभियान है, जो पूरा हो जाने की स्थिति में लगभग 1,500 परिवारों को विस्थापित कर देगा, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं।
भाषा शफीक सुरेश
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