मुंबई/ सूरत/नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद मुंबई और सूरत की सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए. सभी ने मांग की कि वह अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते हैं उनके लिए परिवहन की व्यवस्था कराई जाए. ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा- ‘चुनौती’ का सामना करने की अपील की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को एक बार फिर आश्वस्त किया कि लॉकडाउन कोई ‘लॉक-अप’ नहीं है . अपने गृह क्षेत्र जाने की उम्मीद में बांद्रा में इकट्ठा हुए दिहाड़ी मजदूरों से उन्होंने वापस लौटकर कोरोना वायरस की ‘चुनौती’ का सामना करने की अपील की .
देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने के बावजूद अपने-अपने गृह नगर जाने की आस में यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों प्रवासी कामगारों के इकट्ठा होने के बाद उन्होंने वेबकास्ट के जरिए संबोधित किया. प्रवासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक हिंदी में भी संबोधित किया . ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है कि लॉकडाउन कैसे खत्म किया जाए और औद्योगिक गतिविधियां बहाल हो .
उन्होंने माना कि मुंबई और पुणे में संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय है .उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की सबसे अधिक जांच हुई है . उन्होंने केंद्र से प्रायोगिक तौर पर प्लाज्मा उपचार की अनुमति देने का भी अनुरोध किया .
केजरीवाल ने भी की अपील
सूरत और महाराष्ट्र में मजदूरों के सड़कों पर उतरता देख दिल्ली ने सतर्कता बरतते हुए न केवल चाक-चौबंद व्यवस्था की बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रवासी मजदूरों/कामगारों से अपील की, ‘दिल्ली सरकार ने आपके आवास और भोजन की समुचित व्यवस्था की है. मैं आपसे जहां हैं, वहीं रहने का अनुरोध करता हूं .’
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यही नहीं मुख्य सचिव ने भी पुलिस और जिलाधिकारियों से कहा,’ जमीनी हालात पर नजर रखें ताकि दिल्ली में मुंबई जैसे हालात पैदा होने से बचा जा सके. दिल्ली में बड़ी संख्या में लोगों के जमावड़े की अनुमति ना दें .’
बता दें कि पिछले दिनों गुजरात के सूरत में कुछ दिनों पहले प्रवासी मजदूरों ने खूब हंगामा काटा था, मुंबई में लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद मंगलवार की शाम को सैकड़ों प्रवासी मजदूर इस मांग के साथ एकत्रित हो गए कि उन्हें लॉकडाउन के बावजूद उनके मूल स्थानों पर भेजने की मांग की. यह जानकारी पुलिस ने दी.
पुलिस ने बताया कि प्रवासी मजदूर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में एकत्रित हो गए और यह मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने की इजाजत दी जाए.
मौके पर एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘ ये प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को जाना चाहते हैं। हमने इन्हें बेसब्र नहीं होने के लिए कहा क्योंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन लागू है.’
उन्होंने कहा, ‘चूंकि उनमें से कुछ लोग भोजन के बारे में शिकायत कर रहे थे, अत: हमने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को बुलाया और इनके लिए तत्काल भोजन के पैकेट के इंतजाम किये. स्थिति अब नियंत्रण में है.’
प्रवासी श्रमिकों ने सूरत में शुक्रवार को इस मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था कि उन्हें उनके मूल स्थानों को भेजा जाए.