तिरुवनंतपुरम, पांच मार्च (भाषा) केंद्र और केरल सरकार के बीच राज्य में आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि वितरित करने के लिए धन के प्रावधान को लेकर एक-दूसरे के दावों पर मंगलवार को भी विवाद जारी रहा।
केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने केंद्र पर समय पर धनराशि उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया, जबकि केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने उनके इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह के आरोप सुनते हैं, वे मामले की उचित जांच होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्मान करना शुरू कर देते हैं।
बालगोपाल ने कोल्लम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र ने अभी तक लंबित भुगतानों में से 100 करोड़ रुपये जारी नहीं किए हैं।
उन्होंने केंद्र से मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) के मानदेय में वृद्धि करने का भी आग्रह किया।
बालगोपाल ने कहा कि केरल पिछले दो वर्षों से केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बुलाई गई बजट पूर्व बैठकों में इस मामले को उठाता रहा है।
केरल के वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जैसलमेर में मैंने अपनी मांग दोहराई थी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य योजनाओं के कार्यकर्ताओं के मानदेय में उचित वृद्धि की जानी चाहिए।’’
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के कार्यालय ने कहा कि यह दावा गलत है कि केंद्र ने पिछले वित्तीय वर्ष में केंद्र की स्वास्थ्य योजनाओं के लिए केरल को मिलने वाली पूरी राशि आवंटित कर दी थी।
स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस तरह केंद्र ने वर्ष 2023-24 के लिए अपने हिस्से के 636.88 करोड़ रुपये उपलब्ध नहीं कराए हैं।
इसमें कहा गया कि केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य मिशन को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर बताया था कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र द्वारा 636.88 करोड़ रुपये दिए जाना बाकी है।
बयान में दावा किया गया कि केंद्र सरकार ने 28 अक्टूबर को दिए अपने जवाब में खुद इस बात की पुष्टि की है कि केरल को वर्ष 2023-24 में केंद्र के हिस्से की राशि नहीं दी गई है।
इसमें कहा गया, ‘‘वित्तीय वर्ष 2023-24 में आशा और नियमित गतिविधियों सहित केंद्र की स्वास्थ्य योजनाओं के लिए एक भी रुपया आवंटित नहीं किया गया। केंद्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले कुल 826.02 करोड़ रुपये में से केवल 189.15 करोड़ रुपये ही बुनियादी ढांचे के रखरखाव और वस्तु अनुदान के लिए आवंटित किए गए हैं।’’
बयान में कहा गया, ‘‘शेष 636.88 करोड़ रुपये भी नहीं दिए गए। इसमें आशा कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन के लिए राशि शामिल है।’’
केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं मत्स्य पालन राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने केरल सरकार के मंत्रियों के इस दावे का मजाक उड़ाया कि राज्य को एक भी पैसा नहीं दिया गया और कहा कि केंद्र ने उन्हें बड़ी राशि प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि इसकी आधिकारिक पुष्टि तब हुई जब केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात की थी।
कुरियन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब लोग (राज्य सरकार से) ऐसे दावे सुनते हैं तो उचित जांच होने और सच्चाई जानने के बाद वे उनका (नरेन्द्र मोदी का) सम्मान करना शुरू कर देते हैं।’’
केंद्र और केरल के मंत्रियों ने यह बयान ऐसे समय में दिये हैं जब राज्य में कुछ आशा कार्यकर्ता मानदेय और सेवानिवृत्ति के लाभ बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं।
भाषा प्रीति वैभव
वैभव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.