नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रधान सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश देने वाले एक आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी व मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव केएम अब्राहम द्वारा दायर अपील पर सीबीआई, केरल सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया।
अब्राहम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने अदालत को बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी कानून की धारा 17ए के तहत अनिवार्य मंजूरी के बिना दर्ज नहीं की जा सकती।
केरल उच्च न्यायालय ने 11 अप्रैल को कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरकल द्वारा दायर याचिका पर अब्राहम के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, अन्य सामग्रियों और अब्राहम के बचाव पक्ष की दलीलों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया, जिसमें ‘प्रथम दृष्टया इस बात का सबूत मिला था कि उनके (अब्राहम के) पास उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक चल व अचल संपत्ति है।
अदालत ने इस मामले में सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) द्वारा की गई जांच के बारे में कहा कि इससे ‘जनता में विश्वास पैदा नहीं होगा’। उच्च न्यायालय ने ब्यूरो द्वारा की गयी जांच की विश्वसनीयता को ‘संदिग्ध’ बताया।
उच्च न्यायालय ने राज्य एजेंसियों की निष्पक्ष कार्यप्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए निष्पक्ष, ईमानदार और पूर्ण जांच पर जोर देते हुए मामले की जांच के लिए सीबीआई को शामिल करने पर जोर दिया।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अब्राहम ने सेवा के दौरान मुंबई में तीन करोड़ रुपये का एक अपार्टमेंट, तिरुवनंतपुरम के थाइकाड में एक करोड़ रुपये का एक और अपार्टमेंट खरीदा और कोल्लम जिले के कडप्पाक्कडा में आठ करोड़ रुपये की लागत से तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया।
हालांकि अब्राहम ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
भाषा जितेंद्र मनीषा
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