मुंबई, एक जून (भाषा) महाराष्ट्र पुलिस के बर्खास्त उपनिरीक्षक रंजीत कासले को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कासले ने दावा किया था कि उसे सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड को खत्म करने की सुपारी की पेशकश की गई थी।
अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने कथित तौर पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने, सरकारी अधिकारियों को बदनाम करने और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के आरोप में शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी से कासले को हिरासत में लिया।
अधिकारी ने बताया कि बर्खास्तगी से पहले कासले बीड जिले में तैनात था। उन्होंने बताया कि कासले को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दो जून (सोमवार) तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि पिछले महीने पूर्वी मुंबई के भांडुप के एक सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद कासले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि कासले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत झूठी सूचना प्रकाशित या प्रसारित करने, मानहानि, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से आपराधिक कृत्य करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में इंस्टाग्राम पोस्ट में कासले ने एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
अधिकारी ने बताया कि कासले के खिलाफ बीड जिले और मुंबई में भी मामले दर्ज किए गए हैं।
इससे पहले, कासले ने महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे और उनके करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड पर आरोप लगाए थे। कासले ने दावा किया था कि कराड को मुठभेड़ में निपटाने के लिए उसे ‘‘सुपारी’’ दी गई थी।
छत्रपति संभाजीनगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने अप्रैल में संविधान के अनुच्छेद 311(2)(बी) के तहत कासले को बर्खास्त कर दिया था। इस अनुच्छेद के तहत सिविल सेवक को बर्खास्त करने, हटाने से पहले अनुशासनात्मक जांच की आवश्यकता नहीं होती।
कराड मासाजोग ग्राम प्रधान संतोष देशमुख हत्या मामले में मुख्य आरोपी है।
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख का पिछले साल नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था और उन्हें यातनाएं देकर मार डाला गया था। हत्या की वजह उनके द्वारा एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली को रोकने की कोशिश थी।
भाषा धीरज प्रशांत
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