नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी और दक्षिण कोरियाई विश्वविद्यालयों के बीच अकादमिक एवं शोध कार्यक्रमों में गठजोड़ की संभावना पर विचार किया जा रहा है ताकि प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं अनुसंधान के जरिये दोनों देशों के समुदायों को फायदा पहुंच सके ।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मंडी के बयान के अनुसार, दक्षिण कोरिया दूतावास के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मामलों के अधिकारी ह्यो ही ली तथा भारत- दक्षिण कोरिया शोध एवं नवोन्मेष केंद्र (आईकेसीआरआई) के निदेशक डा. वाई जे पार्क ने आईआईटी मंडी का दौरा किया है।
इसमें कहा गया है कि इस दौरान आईआईटी मंडी और दक्षिण कोरियाई विश्वविद्यालयों के बीच गठजोड़ की संभावना के बारे में चर्चा की गई जो प्रौद्योगिकी उपयोग के जरिये दोनों समुदायों के लिये लाभप्रद हो ।
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बहेरा ने कहा कि आईआईटी मंडी वैज्ञानिक संस्थानों, अकादमिक समुदायों, युवा विशेषज्ञों को प्रोत्साहित करने की साझा दृष्टि पर काम कर रहा है जिसमें नवाचार कार्यो में समन्वित एवं संयुक्त प्रयासों को गति देना शामिल है।
आईकेसीआरआई के निदेशक डा. वाई जे पार्क ने कहा कि आईआईटी मंडी ने सूचना प्रौद्योगिकी, बायोटेक एवं अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम किया है तथा कृत्रिम बुद्धिमता, वीआर प्रौद्योगिकी, भूस्खलन चेतावनी प्रणाली जैसे क्षेत्रों में भी काफी शोध कार्य किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों मिलकर हमारे साझे लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में काफी कुछ कर सकते हैं । ’’
गौरतलब है कि आईकेसीआरआई संस्थान भारत और दक्षिण कोरिया के बीच शोध गठजोड़ को प्रोत्साहित करता है।
भाषा दीपक
दीपक पवनेश
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