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Saturday, 21 December, 2024
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‘सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति पर की चर्चा’ – विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष किन गैंग से की मुलाकात

जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में निर्णय लेने से जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में वर्तमान राजनीति, अर्थशास्त्र या लोगों की आकांक्षाओं की वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है.

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नई दिल्ली: गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी दी कि पहली बार जी-20 के विदेश मंत्रियों ने नशीले पदार्थों का मुकाबला करने के विषय पर चर्चा की और इस संबंध में समावेशी और मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया. जयशंकर ने यह बातें जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहीं हैं.

बैठक से इतर विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष किन गैंग से भी मुलाकात की. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते में समस्याएं हैं पर खुलकर और स्पष्ट रूप से चर्चा करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘मैं चीनी विदेश मंत्री से मिला. हमारी बातचीत हमारे संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में थी जिसे आप में से कई लोगों ने मुझे ‘असामान्य’ के रूप में वर्णित करते सुना, वे उन विशेषणों में से थे जिनका मैंने बैठक में उपयोग किया था.’

उन्होंने इस पर रोशनी डालते हुए बताया कि हमारे रिश्ते में वास्तविक समस्याएं हैं जिन्हें देखने और हमारे बीच बहुत खुलकर और स्पष्ट रूप से चर्चा करने की आवश्यकता है. बैठक का जोर हमारे द्विपक्षीय संबंधों और इसमें आने वाली चुनौतियों पर था. खासतौर से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन-चैन पर.’

विदेश मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कही कि यूक्रेन का मुद्दा ग्लोबल साउथ को प्रभावित कर रहा है. भारत एक साल से बहुत दृढ़ता से कह रहा है कि ज्यादातर ग्लोबल साउथ के लिए यह एक बनाने या तोड़ने का मुद्दा है. ईंधन, भोजन और उर्वरक की उपलब्धता बेहद दबाव वाले मुद्दे हैं.

जयशंकर ने कर्ज में डूबे देशों के बारे में बात करते हुए रूस-यूक्रेन संकट के प्रभावों को नुकसानदेह बताया है.

उन्होंने कहा, ‘जो देश पहले से ही कर्ज से जूझ रहे हैं और महामारी से प्रभावित हैं, उनके लिए रूस-यूक्रेन संकट के प्रभावों की दस्तक हानिकारक है. यह मामला काफी चिंता का विषय है, इसलिए हमने इन बैठकों का फोकस ग्लोबल साउथ और कमजोर देशों पर रखा है.’


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बैठक में क्या कुछ हुआ

जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संगठनों में निर्णय लेने से जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में वर्तमान राजनीति, अर्थशास्त्र या लोगों की आकांक्षाओं की वास्तविकताओं को नहीं दर्शाता है.

जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में खामियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में वैश्विक संरचना अपने 8वें दशक में है. इस अवधि में संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की संख्या चौगुनी हो गई है. यह आज की राजनीति, अर्थशास्त्र, जनसांख्यिकी या आकांक्षाओं को नहीं दर्शाता है. 2005 से, हमने सुना है कि उच्च स्तर पर सुधार की भावना व्यक्त की जा रही है लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं, इस को लागू नहीं किया गया है. इसकी वजह भी छुपी नहीं है. जितनी देर हम इसे टालते रहेंगे, बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता उतनी ही घटती जाएगी. अगर इसका भविष्य है तो वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया का लोकतांत्रीकरण किया जाना चाहिए.’

जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक तुर्की और सीरिया में हाल के भूकंपों में जान गंवाने वालों के लिए एक मिनट के मौन के साथ शुरू हुई थी.

जयशंकर ने कहा, ‘कार्यवाही शुरू करने से पहले, हम उन लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखें, जिन्होंने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में अपनी जान गंवाई है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है.’

विदेश मंत्री ने विदेशी प्रतिनिधियों को यह याद दिलाते हुए जी20 की बैठक का पहला सत्र शुरू किया कि ‘यह समूह एक असाधारण जिम्मेदारी निभाता है.’


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