नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) शोधकर्ताओं ने कई स्तनधारी प्रजातियों में एक जीन की पहचान की है जो मनुष्यों और जानवरों के लिए अत्यंत प्रभावी और गैर-हार्मोनल पुरुष गर्भनिरोधक का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
अमेरिका में वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी (डब्ल्यूएसयू) की टीम ने चूहों, सूअरों, मवेशियों और मनुष्यों के वृषण में जीन, एआरआरडीसी5 की पहचान की। जब उन्होंने चूहों में इस जीन को हटाया तो इसने केवल नर में बांझपन पैदा किया, जिससे उनके शुक्राणुओं की संख्या, गति और आकार प्रभावित हुयी।
डब्ल्यूएसयू के ‘स्कूल ऑफ मॉलिक्यूलर बायोसाइंसेज’ में प्रोफेसर जॉन ओटली ने कहा, “अध्ययन में पहली बार इस जीन की पहचान केवल वृषण ऊतक में हुई है, शरीर में कहीं और नहीं। इसे कई स्तनधारी प्रजातियों में पाया गया है।”
जर्नल ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ में प्रकाशित अध्ययन के वरिष्ठ लेखक ओटली ने कहा, “जब यह जीन पुरुषों में निष्क्रिय या बाधित होता है, तो वे ऐसे शुक्राणु बनाते हैं जो अंडे को निषेचित नहीं कर सकते हैं और यह पुरुष गर्भनिरोधक विकास का प्रमुख लक्ष्य है।”
संभावित पुरुष गर्भनिरोधक के विकास के लिए अन्य आणविक लक्ष्यों की पहचान की गई है लेकिन एआरआरडीसी5 जीन नर वृषण के लिए विशिष्ट है और कई प्रजातियों में पाया जाता है।
जीन की कमी महत्वपूर्ण रूप से संतानोत्पत्ति की क्षमता खत्म होने का कारण बनती है, जिसे ओलिगोएस्थेनोटेरोस्पर्मिया या ओएटी कहा जाता है। यह स्थिति, पुरुष बांझपन के लिए सबसे आम निदान, उत्पादित शुक्राणु की मात्रा में कमी, धीमी गतिशीलता और विकृत आकार को दर्शाती है ताकि शुक्राणु अंडे के साथ निषेचन करने में असमर्थ हों।
अध्ययन में, इस जीन की कमी वाले नर चूहों में 28 प्रतिशत कम शुक्राणु बने जो और उनके लगभग 98 प्रतिशत शुक्राणुओं में असामान्यता थी।
शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन से संकेत मिलता है कि सामान्य शुक्राणु उत्पादन के लिए इस जीन द्वारा ‘एन्कोडेड प्रोटीन’ की आवश्यकता होती है।
टीम अगली बार ऐसी दवा तैयार करने पर काम करेगी जो उस प्रोटीन के उत्पादन या कार्य को रोक देगी।
इस प्रोटीन को बाधित करने के लिए किसी भी हार्मोनल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी। यह पुरुष गर्भनिरोधक में एक महत्वपूर्ण बाधा होती है क्योंकि टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन से परे अन्य भूमिकाएं निभाता है जिसमें ‘बोन मास’ (हड्डी द्रव्यमान) और मांसपेशियों की ताकत प्रदान करने के साथ-साथ लाल रक्त कोशिका उत्पादन भी शामिल है।
इस प्रोटीन को लक्षित करने के लिए एक दवा डिजाइन करना भी इसे गर्भनिरोधक के रूप में आसानी से प्रतिवर्ती बना देगा।
ओटली ने कहा, “आप कभी भी शुक्राणु बनाने की क्षमता को मिटाना नहीं चाहते हैं – बस सही ढंग से बनने वाले शुक्राणु को रोकें। फिर, सिद्धांत रूप में, आप दवा का सेवन बंद कर दें और शुक्राणु फिर से सामान्य रूप से बनना शुरू हो जाएगा।”
महिलाओं के लिए जन्म नियंत्रण के कई साधन हैं लेकिन वे हमेशा प्रभावी या व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया भर में आधे से अधिक गर्भधारण अब भी अनपेक्षित हैं।।
ओटली ने कहा, “अभी, हमारे पास सर्जरी के अलावा पुरुष गर्भनिरोधक के लिए वास्तव में कुछ विशेष नहीं है और केवल कुछ प्रतिशत पुरुष ही नसबंदी का विकल्प चुनते हैं। यदि हम इस खोज को गर्भनिरोधक के समाधान के रूप में विकसित कर सकते हैं, तो इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।”
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प्रशांत नरेश
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