नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) आंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) के छात्र सोमवार को एसोसिएट प्रोफेसर कौस्तव बनर्जी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए करमपुरा परिसर में एकत्र हुए।
बनर्जी, पिछले महीने विद्यार्थियों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर ‘अव्यवस्था भड़काने’ के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
बनर्जी को जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार, 24 मार्च को एक सार्वजनिक बैठक में उनकी (बनर्जी) भागीदारी, अनुशासनहीनता और व्यवधान का कारण बनी क्योंकि उन्होंने वहां पर कथित रूप से ‘भड़काऊ भाषण’ दिया था।
नोटिस में दावा किया गया कि बनर्जी के भाषण ने ‘विद्यार्थियों को अनुशासनहीनता और उपद्रव मचाने के लिए भड़काया जिसके परिणामस्वरूप अव्यवस्था हुई और विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस के हस्तक्षेप की मांग करने के लिए मजबूर होना पड़ा’।
छात्र प्रदर्शनकारियों ने कारण बताओ नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नारे लगाए और चेतावनी दी कि अगर प्रशासन विद्यार्थियों व शिक्षकों को निशाना बनाना जारी रखता है तो वे उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।
विश्वविद्यालय में एमए अंतिम वर्ष की छात्रा मंतशा इरफान को निलंबित करने के प्रशासन के फैसले के खिलाफ अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के बाद यह विवाद शुरू हुआ।
मंतशा का निलंबन पिछले सप्ताह रद्द कर दिया गया था।
आइसा ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “प्रोफेसर कौस्तव को 24 मार्च को आयोजित विरोध प्रदर्शन में अपनी छात्रा मंतशा इरफान के निलंबन के खिलाफ असहमति व्यक्त करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था।”
बयान के मुताबिक, “दो सप्ताह के लंबे विरोध और 72 घंटे से अधिक समय तक अनिश्चितकालीन धरने के बाद मंतशा का निलंबन रद्द कर दिया गया लेकिन प्रोफेसर कौस्तव को जारी नोटिस वापस नहीं लिया गया। विश्वविद्यालय प्रगतिशील आवाजों को दबाना बंद करे।”
बनर्जी को 45 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है।
भाषा जितेंद्र नरेश
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