लखनऊ, 26 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बृहस्पतिवार को राज्य की सभी पुलिस इकाइयों को निर्देश दिया कि वे मुहर्रम जुलूस के नए मार्गों या धार्मिक प्रथाओं के लिए किसी भी तरह की अनुमति न दें और जुलूसों के दौरान हथियारों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।
पुलिस अधिकारी ने असामाजिक और सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ निवारक कार्रवाई और मुहर्रम से पहले चौबीसों घंटे सोशल मीडिया की निगरानी करने का भी आदेश दिया।
मुहर्रम के आयोजन 27 जून से छह जुलाई तक किए जाएंगे।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सभी जोनल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्तों, रेंज महानिरीक्षक/उप महानिरीक्षक और जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को जारी एक विस्तृत निर्देश में डीजीपी ने इस अवधि के दौरान कानून और व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई।
मुहर्रम में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर विशेष रूप से भोर के समय पुलिस को संवेदनशील जगहों की पहचान करने और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
आदेश में कहा गया कि पुलिस बल नियमित रूप से सुबह गश्त करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई आपत्तिजनक पोस्टर या सामग्री सार्वजनिक स्थानों पर न रखी जाए।
डीजीपी ने कहा कि सभी प्रमुख आयोजनों के लिए सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी का आदेश दिया गया है तथा पारदर्शिता व जवाबदेही बनाए रखने के लिए सभाओं की वीडियोग्राफी की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिया कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार और धार्मिक स्थलों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा जांच तेज की जाएगी और बम निरोधक दस्ते, आतंकवाद रोधी इकाइयां और श्वान दस्तों को आवश्यकतानुसार तैनात किया जाएगा।
भाषा जफर खारी
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