नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारत ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ घोषित कूटनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध अब भी प्रभावी हैं। इनमें सिंधु जल संधि का निलंबन भी शामिल है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत तब तक सिंधु जल संधि को लागू नहीं करेगा, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह बंद नहीं कर देता।
उन्होंने कहा कि यह संधि सद्भावना और मित्रता की भावना में हुई थी, लेकिन पाकिस्तान ने सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को ताक पर रख दिया।
पहलगाम हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना तथा हमले के सीमा पार संबंधों के मद्देनजर राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल था।
जायसवाल ने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया जिसमें भारत की आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति को ‘‘आक्रामकता को सही ठहराने की कोशिश’’ कहा गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान को लगता है कि वह बड़े पैमाने पर आतंकवाद फैलाकर उसके दुष्परिणामों से बच जाएगा, तो वह खुद को ही धोखा दे रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन आतंकी ढांचों को भारत ने ध्वस्त किया, वे न केवल भारतीय नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार थे, बल्कि दुनिया भर में कई अन्य निर्दोष लोगों की मौत के लिए भी जिम्मेदार थे।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘अब ‘न्यू नॉर्मल’ की स्थिति है। पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे स्वीकार कर ले, उसके लिए उतना ही अच्छा होगा।’’
उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार के उस दावे का भी जवाब दिया, जो उन्होंने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में किया था कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना को हराया।
जायसवाल ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बहावलपुर, मुरीदके, मुजफ्फराबाद और अन्य स्थानों पर स्थित पाकिस्तान के आतंकी केंद्रों को नष्ट कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, हमने उनकी सैन्य क्षमताओं को काफी हद तक कमजोर कर दिया और उनके प्रमुख हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया। यदि पाकिस्तानी विदेश मंत्री इसे अपनी उपलब्धि मानते हैं, तो वे ऐसा कह सकते हैं।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘नौ मई की रात तक पाकिस्तान भारत को बड़े हमले की धमकी दे रहा था। लेकिन 10 मई की सुबह उसका हमला विफल हुआ और भारत ने जवाबी कार्रवाई में जबरदस्त क्षति पहुंचाई, तो उसकी भाषा बदल गई और उसके डीजीएमओ ने हमसे संपर्क साधा।’’
भाषा योगेश नेत्रपाल
नेत्रपाल
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