अहमदाबाद, 29 जनवरी (भाषा) गुजरात में गांधीनगर जिले के डिंगुचा गांव में शनिवार को लोगों ने एक परिवार के उन चार सदस्यों को श्रद्धांजलि दी, जिनकी हाल ही में कनाडा-अमेरिका सीमा के पास अत्यधिक ठंड से मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने इन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी दुकानें बंद रखीं और सड़कें भी सुनसान रहीं।
यहां से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव के एक स्थानीय पदाधिकारी ने बताया कि काम और दुकानें बंद रखकर ग्रामीण लोग पीड़ित पटेल परिवार के दुख में शामिल हुए।
स्थानीय लोगों ने कहा कि डिंगुचा गांव आज वीरान नजर आया, जहां से पिछले कई दशकों में बड़ी संख्या में लोग विदेश-मुख्य रूप से अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया चले गए हैं। गांव के अधिकतर लोग पाटीदार समुदाय से हैं।
उन्होंने कहा कि शुरू में गांव यह मानने को तैयार नहीं था कि अमेरिका-कनाडा सीमा पर मरने वाले एक बच्चे सहित चार लोग बलदेवभाई पटेल के परिवार के हैं, लेकिन बाद में कनाडा के अधिकारियों द्वारा पहचान की पुष्टि किए जाने के बाद उन्हें यह दुखद सच मानना पड़ा कि मृतकों में उनके बेटे जगदीश पटेल (39), पुत्रवधू वैशाली (37), पोती विहांगी (11) और पोता धर्मिक (3) शामिल हैं।
कनाडा के अधिकारियों के अनुसार, पटेल परिवार गत 12 जनवरी को टोरंटो पहुंचा था। वहां से वे मैनिटोबा और फिर 18 जनवरी के आसपास इमर्सन के लिए रवाना हुए थे, लेकिन सीमा के पास भीषण ठंड के चलते उनकी मृत्यु हो गई।
परिजनों ने शुक्रवार को कहा था कि चारों मृतकों के शव भारत नहीं लाए जाएंगे।
जगदीश पटेल के एक चचेरे भाई जसवंत पटेल ने कहा था, ‘पूरा परिवार गहरे सदमे में है। अभी तक, हम सभी ने शवों को अंतिम संस्कार के लिए यहां नहीं लाने का फैसला किया है। अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा।’
इससे पहले, गुजरात पुलिस को भी राज्य से दो और परिवारों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें दो दंपति और दो बच्चे शामिल थे। वे इस महीने की शुरुआत में विजिटर वीजा पर तुर्की पहुंचने के बाद लापता हो गए थे, लेकिन जांच के बाद पुलिस ने पुष्टि की थी कि दोनों दंपति सुरक्षित हैं और तुर्की के एक होटल में ठहरे हुए हैं।
इस बीच, राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने विभिन्न एजेंट द्वारा संचालित अवैध आव्रजन रैकेट की संभावना की अलग से जांच शुरू की है। इस सप्ताह की शुरुआत में, राज्य सीआईडी-अपराध की मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) को गुजरात में सक्रिय एजेंट संबंधी नेटवर्क का पता लगाने का काम सौंपा गया था।
भाषा नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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