दीघा, 29 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में समुद्र तट पर स्थित पर्यटन शहर दीघा में नवनिर्मित ‘जगन्नाथ धाम’ में मंगलवार शाम होने वाले ‘महायज्ञ’ की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस अनुष्ठान में हिस्सा लेंगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दीघा में नवनिर्मित ‘जगन्नाथ धाम’ पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है। इसका बुधवार को ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर उद्घाटन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मुख्यमंत्री मंदिर में होने वाले ‘महायज्ञ’ में शामिल होंगी। इस दौरान कई अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि ‘महायज्ञ’ में लगभग 100 क्विंटल ‘आम काठ’ (आम की लकड़ी) और ‘बेल काठ’ (बेल वृक्ष की लकड़ी) के साथ दो क्विंटल घी का इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बुधवार को मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
अधिकारी के मुताबिक, अनुष्ठान के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों से पवित्र जल पहले ही मंदिर में लाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि बुधवार को मंदिर के उद्घाटन के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाव के लिए गमछा दिया जाएगा।
अधिकारी के अनुसार, राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए लाल बलुआ पत्थर से लगभग 24 एकड़ भूमि पर बनाए गए ‘जगन्नाथ धाम’ में “शानदार वास्तुकला, अद्भुत नक्काशी और पारंपरिक डिजाइन का मिश्रण देखने को मिलेगा।”
ममता ने सोमवार को कहा था कि यह मंदिर “अगले कई हजार वर्षों” तक लोगों के समागम स्थल के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा था, “यह मंदिर निश्चित रूप से राज्य में एक नया आयाम जोड़ेगा। दीघा एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन आकर्षण के रूप में उभरेगा। यह सद्भाव का स्थल बनेगा।”
ममता ने कहा था, “समुद्र के कारण दीघा का एक खास आकर्षण है। अब अगर यह तीर्थस्थल बन जाता है, तो अधिक पर्यटक यहां आएंगे। मुझे लगता है कि मूर्तिकारों ने शानदार काम किया है।”
‘जगन्नाथ धाम’ का निर्माण हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हिडको) ने करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से किया है। मंदिर की दैनिक गतिविधियों का प्रबंधन अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (इस्कॉन) करेगा।
ममता ने 2018 में दीघा में ‘जगन्नाथ धाम’ के निर्माण की घोषणा की थी। मंदिर का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की तरह दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर को भी गर्भगृह, जगमोहन, नट मंदिर (नृत्य कक्ष) और भोग मंडप नामक चार मंडपों में विभाजित किया गया है, जो इतिहास और परंपरा से समृद्ध हिंदू आस्था की जीवंत झलक दिखाते हैं।
दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां प्राचीन पुरी जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों की प्रतिकृतियां हैं और इन्हें पत्थर से तराशा गया है।
भाषा पारुल नरेश
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