नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि भारत का अपने पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है, क्योंकि हमारा पड़ोसी हमारे खिलाफ़ सीमापार से आतंकवाद को बढ़ावा देता है.
जयशंकर पनामा की राजधानी पनामा सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवाने मेंकोमो भी मौजूद थीं.
Discussed stronger business to business ties, connectivity, health & pharma, energy & green hydrogen, semiconductors and mobility in this regard.
Noted our close collaboration in multilateral fora. Our discussions in this regard will continue.
My press remarks: pic.twitter.com/myA0iuP7dl
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 24, 2023
‘हमारा जुड़ना मुश्किल’
एक प्रश्न का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ‘इस मुद्दे पर लब्बोलुआब यह है कि हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास करता है. वह सीमा पार से आतंकवाद को अंजाम देता है.’
बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर पनामा के दो दिवसीय दौरे पर हैं. वह सोमवार को पनामा सिटी पहुंचे जहां पनामा के विदेश मामलों के उप मंत्री व्लादिमीर फ्रैंकोस ने उनकी अगवानी की.
जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा था, ‘पनामा सिटी पहुंचने पर विदेश मामलों के उप मंत्री @VladimirFrancoS को गर्मजोशी से स्वागत के लिए धन्यवाद. हम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं.’
विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-लैटिन अमेरिका व्यापार कार्यक्रम में भी भाग लिया और दस महत्वपूर्ण कारणों पर प्रकाश डालते हुए एक भाषण दिया कि क्यों भारत-पनामा के बीच व्यापार सहयोग की मजबूत संभावनाएं और गुण-केंद्रित प्रयास हैं.
पनामा की अपनी यात्रा के बाद, विदेश मंत्री 25 अप्रैल को कोलंबिया की यात्रा पर जाएंगे जहां वे सरकार, व्यापार और नागरिक समाज के कई शीर्ष प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि उनकी कोलंबिया यात्रा देश की पहली विदेश मंत्री स्तर की यात्रा होगी.
जयशंकर और कोलंबिया के उनके समकक्ष अल्वारो लेवा डुरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा भी करेंगे. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, कोलंबिया की अपनी यात्रा के बाद, जयशंकर डोमिनिकन गणराज्य जाएंगे.
डोमिनिकन गणराज्य की यात्रा 1999 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से भारत की ओर से उच्चतम स्तर की यात्रा है. जयशंकर की यात्रा 2022 में सेंटो डोमिंगो में भारत के दूतावास की स्थापना के बाद हो रही है.
यह भी पढ़ें: पुंछ में भारतीय सैनिकों की हत्या से पता चलता है कि जिहाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के जोखिम को बढ़ा देगा