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Friday, 22 November, 2024
होमदेशपहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल, लगातार 18वें दिन दाम बढ़ने से दिल्ली में 80 के करीब पहुंची कीमत

पहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ डीजल, लगातार 18वें दिन दाम बढ़ने से दिल्ली में 80 के करीब पहुंची कीमत

मंगलवार की तुलना में बुधवार को पेट्रोल के दाम तो जस के तस बने रहे वहीं डीजल के दामों में 48 पैसे की बढ़ातोरी के साथ ही ये पेट्रोल की कीमत को पार कर गया.

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नई दिल्ली: दिल्ली में पहली बार डीजल के दाम पेट्रोल से ज्यादा हो गए हैं. राजधानी में डीजल की कामत 79.88 रुपए हो गई है वहीं पेट्रोल के दाम 79.76 रुपए प्रति लीटर है.

पिछले 18 दिनों से लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है. मंगलवार की तुलना में बुधवार को पेट्रोल के दाम तो जस के तस बने रहे वहीं डीजल के दामों में 48 पैसे की बढ़ातोरी के साथ ही ये पेट्रोल की कीमत को पार कर गया.

अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद घरेलू बाजार में तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही है. पिछले 18 दिनों में पेट्रोल 8.50 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है वहीं डीजल 10.48 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है.

तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि से राजनीति भी गरमा गई है. मंगलवार को कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ जल्द ही राष्ट्रीय आंदोलन करने की बात कही थी.

मौजूदा वृद्धि से पहले 16 अक्टूबर 2018 को डीजल का दाम दिल्ली में 75.69 रुपये प्रति लीटर की ऊंचाई को छू चुका है वहीं पेट्रोल के दाम इससे पहले 4 अक्टूबर 2018 को 84 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुके हैं.


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तेल कंपनियां पूरे देश में समान रूप से दाम बढ़ातीं हैं लेकिन राज्यों में इन दोनों ईंधनों पर अलग-अलग दर से बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) लगने से खुदरा दाम अलग-अलग होते हैं.

तेल कंपनियों ने 7 जून से पेट्रोल, डीजल के दाम में दैनिक संशोधन शुरू किया. उसके बाद से पिछले 18 दिन से इनके दाम लगातार बढ़ रह हैं. उससे पहले कोरोना महामारी के कारण लगातार 82 दिन तक दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया. मूल्य वृद्धि शुरू होने के बाद डीजल के दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं जबकि पेट्रोल के दाम पिछले दो साल की ऊंचाई पर हैं.

उल्लेखनीय है कि अप्रैल, मई के दौरान जब पूरी दुनिया में कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन चल रहा था, कच्चे तेल के दाम दो दशक के निम्न स्तर तक गिर गये थे. लेकिन जून की शुरुआत से आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के बाद मांग बढ़ने से कच्चे तेल के दाम धीरे धीरे बढ़ने लगे हैं. यही वजह है कि तेल कंपनियां भी उसी वृद्धि के अनुरूप दाम बढ़ा रही हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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