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Thursday, 19 December, 2024
होमदेश‘महीने पहले रेकी की थी, जूते की जांच नहीं की जाती’ — कैसे बनी संसद सुरक्षा उल्लंघन की योजना

‘महीने पहले रेकी की थी, जूते की जांच नहीं की जाती’ — कैसे बनी संसद सुरक्षा उल्लंघन की योजना

आरोपियों में से एक मनोरंजन ने धुएं के कैन को छिपाने के लिए जूते के अंदर एक खाली जगह बनवाई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह वो सभी सुरक्षा को दरकिनार कर इसे अंदर ले जाने में सफल रहा.

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नई दिल्ली: बुधवार को संसद में जारी शीतकालीन सत्र में सुरक्षा उल्लंघन — जब दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से सदस्यों की बेंच पर कूद गए और धुएं का गुब्बार फैला दिया — कथित तौर पर एक आरोपी डी. मनोरंजन के साथ महीनों पहले रची गई थी. दिप्रिंट को जानकारी मिली है कि उन्होंने इमारत के अंदर “सुरक्षा उपायों का जायजा” लेने के लिए संसद की रेकी की थी.

मनोरंजन कथित तौर पर प्रवेश प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों का पता लगाने के लिए वैध पास के साथ दर्शक दीर्घा में गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब उसे एहसास हुआ कि सुरक्षा जांच के दौरान विजिस्टर्स को अपने जूते उतारने के लिए नहीं कहा जाता है, तो उसे अपने जूते में कैन को छिपाने का विचार आया.

सूत्रों में से एक ने कहा, “मनोरंजन ने इसे छिपाने के लिए अपने जूते के अंदर एक खाली जगह बनवाई थी. इस तरह वो सारी सुरक्षा को दरकिनार करते हुए इसे अंदर ले जाने में सफल रहा. कैन खोलते हुए उसे अपना जूता निकालते हुए देखा जा सकता है.”

खुफिया सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि उल्लंघन में कथित तौर पर शामिल छह लोग ‘जस्टिस फॉर आज़ाद भगत सिंह’ नाम के एक सोशल मीडिया समूह का हिस्सा थे.

पुलिस सूत्रों ने कहा, इनमें से पांच डी. मनोरंजन मैसूर से डिग्रीधारी इंजीनियर, सागर शर्मा, लखनऊ से ग्रेजुएट, नीलम, हिसार से सिविल सेवा की इच्छुक, पुलिस प्रवेश और सैन्य सेवा परीक्षा में असफल अभ्यर्थी अनमोल शिंदे, लातूर से ग्रेजुएट और ललित झा को गिरफ्तार कर लिया गया है और एक — विक्की (विशाल शर्मा) फिलहाल फरार है.

सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मनोरंजन और शर्मा ने बुधवार दोपहर दर्शक दीर्घा से चैंबर में छलांग लगाई और कैन खोला जिससे पीले रंग की गैस निकल रही थी, आज़ाद और शिंदे को संसद के बाहर पकड़ लिया गया, जहां उन्होंने भी गैस कैन खोला और “तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाए.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, चारों लोगों ने पूछताछ के दौरान दावा किया था कि उन्होंने “बेरोज़गारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नीति निर्माताओं को अपनी चिंताओं को स्वीकार करने के लिए मजबूर करने” के लिए उल्लंघन की योजना बनाई थी. पुलिस को अभी तक गिरफ्तार चारों लोगों का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है.

संदिग्धों ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर यह भी दावा किया कि वे फेसबुक पर डिजिटल रूप से जुड़े हुए थे और कई अन्य विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा थे, जिसमें मोहाली में अपने हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह हवाई अड्डे के रूप में बदलने के लिए एक विरोध प्रदर्शन भी शामिल था.

आरोपियों में से एक नीलम आज़ाद के भाई ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उसकी बहन अब निरस्त कर दिए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन और इस साल की शुरुआत में पहलवानों के विरोध का भी हिस्सा थी.

यह घटना 22 साल पहले पुराने संसद भवन पर हुए हमले की बरसी पर हुई है जिसमें आठ सुरक्षाकर्मी और एक माली की जान चली गई थी. हमले में शामिल सभी पांच आतंकवादियों को अंततः मार गिराया गया था.

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के पूर्व आतंकवादी अफज़ल गुरु, जिसने 1994 में आत्मसमर्पण किया था, को इस घटना में उसकी भूमिका के लिए 2013 में फांसी दे दी गई थी.

बुधवार की सुरक्षा उल्लंघन के बारे में सवाल यह उठता है कि कुछ ही दिन पहले, सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने “13 दिसंबर को या उससे पहले” संसद पर हमला करने की धमकी दी थी, जिसके बाद सुरक्षा “कड़ी” कर दी गई थी.


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‘योजना — सुबह 9 बजे पास मिलेगा, इंडिया गेट पर मीटिंग’

एक अन्य पुलिस सूत्र के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कहा कि वे — आज़ाद, मनोरंजन, शर्मा, शिंदे और झा, बुधवार की घटना को अंजाम देने की योजना बनाने के लिए 10 दिसंबर को गुड़गांव में अपने सहयोगी विक्की के घर पर मिले थे.

फैसला लिया गया कि शर्मा बुधवार सुबह करीब 9 बजे भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के सचिव से पास लेंगे और इंडिया गेट पहुंचेंगे. सूत्रों ने बताया कि आरोपी सांसद या उनके सचिव को कैसे जानता था, यह अभी तक पता नहीं चला है.

सूत्र ने कहा, “इससे पहले, आरोपियों ने सदर बाज़ार से कुछ भारतीय झंडे भी खरीदे और फिर सुबह 10 बजे के आसपास इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए. दोपहर के आसपास संसद में प्रवेश करने की योजना थी.”

सूत्र के मुताबिक, जब शर्मा और मनोरंजन के जूते में कैन छिपाकर संसद भवन के अंदर गए, तो आज़ाद और शिंदे नारे लगाने के लिए बाहर रुके.

इसने आगे कहा, “जब आज़ाद और शिंदे नारे लगा रहे थे, एक अन्य आरोपी झा उनका वीडियो बना रहा था. जैसे ही पुलिस आरोपी को हिरासत में लेने के लिए आगे बढ़ी, झा भाग गया. हालांकि, बाद में उसे पकड़ लिया गया.”

सूत्र के मुताबिक, फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और कैन को जब्त कर लिया. पता चला कि इसमें ऑर्गेनिक डाई के साथ पोटैशियम था जिससे इलाके में मौजूद लोगों की आंखों में जलन हो सकती थी. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि इसका रासायनिक विश्लेषण किया जाएगा.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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