नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब वह सीमा पार आतंकवाद बंद कर दे।
भारत की यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा कश्मीर, आतंकवाद, जल और व्यापार समेत सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा व्यक्त करने के जवाब में आई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम दोहराना चाहेंगे कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।’’
उनका यह बयान तब आया जब उनसे इस सप्ताह तेहरान में शरीफ की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति वार्ता करना चाहता है।
जायसवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत, पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को नयी दिल्ली को सौंपने और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उन आतंकवादियों को भारत को सौंपना चाहिए, जिनकी सूची हमने कुछ वर्ष पहले उसे सौंपी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता और जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था: ‘‘आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, तथा पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।’’
भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि को स्थगित करने समेत पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाये जाने की घोषणा की थी।
इन कदमों की घोषणा पहलगाम आतंकवादी हमले के एक दिन बाद की गई थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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