नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने उपराज्यपाल (एलजी) की हालिया उस अधिसूचना की निंदा की है, जिसमें पुलिसकर्मियों को पुलिस थानों से अदालतों में डिजिटल तरीके से साक्ष्य पेश करने की अनुमति दी गई है।
डीएचसीबीए की कार्यकारी समिति ने अधिसूचना को वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह निष्पक्ष सुनवाई के सिद्धांतों के खिलाफ है।
डीएचसीबीए ने एक प्रस्ताव में कहा, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति का दृढ़ मत है कि इस अधिसूचना को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके कार्यान्वयन से मुकदमे की प्रक्रिया खतरे में पड़ जाएगी और ऐसे मुकदमों के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’
तेरह अगस्त को जारी अधिसूचना में पुलिस थानों में स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्षों को ‘निर्दिष्ट स्थल’ घोषित किया गया है, जहां से पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालतों के समक्ष बयान दे सकते हैं।
भाषा प्रीति दिलीप
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